• About
  • Advertise
  • Privacy & Policy
  • Contact
Friday, September 26, 2025
News1India
  • Home
  • News ▼
    • Politics
    • Business
    • World
    • Science
  • Entertainment ▼
    • Gaming
    • Music
    • Movie
    • Sports
  • Tech ▼
    • Apps
    • Gear
    • Mobile
    • Startup
  • Lifestyle ▼
    • Food
    • Fashion
    • Health
    • Travel
EDITION
🇮🇳 IN ▼
🌬️
🔔 1
🔍
Home Latest News

‘गुरु’ कानपुर में ‘रंगबाजी’ का मौसम शुरू, जनिए यहां होरियारे फुर्सत से क्यों मनाते हैं होली

Holi Festival 2025: कानपुर में होरियारे क्यों सात दिनों तक मनाते हैं होली पर्व, इसके पीछे की बड़ी दिलचस्प है कहानी।

by Vinod
March 10, 2025
in Latest News, उत्तर प्रदेश, कानपुर, धर्म
0
491
SHARES
1.4k
VIEWS
Share on FacebookShare on Twitter

कानपुर। बरसाने की लठमार होली से कपड़ा फाड़ दाऊ जी के हुरंगा तक होली मनाने वाला ब्रज फागुन भर हुरियारे मूड में रहता है तो वहीं रोजगार और कारोबार का कानपुर भी पीछे नहीं है। एक दिन पहले से लेकर गंगा मेला तक, कानपुर सात से आठ दिन तक विविध रंग की होली मनाता है। कानपुर की होली हिन्दू-मुस्लिम सौहार्द की भी कहानी भी कहती है। इसके साथ ही कनपुरियों के होरियारों का रंग भारत की आजादी से भी जुड़ा है। यहां हर समाज अपने-अपने तरीके से रंगोत्सव मनाता है। जिसकी तैयारियां कई माह पहले से शुरू हो जाती हैं।

जीत के बाद खेली गई होली

कानपुर को धार्मिक-आर्थिक और क्रांतिकारियों का शहर कहा जाता है। यहां हर पर्व कुछ खास होते हैं और इनका इतिहास में सैकड़ों साल प्राचीन है। जानकार बताते हैं कि जब कानपुर का नाम नक्शे में नहीं था, तब यह क्षेत्र जाजमऊ में परगना में आता था। उस वक्त रंग पंचमी तक होली मनाए जाने का जिक्र एतिहासिक किताबों में मिलता है। यहां की मुख्य होली तो रंग पंचमी को होती थी। जानकार बताते हैं, उस समय से काफी पहले यहां के एक राजा के साथ होली के दिन कुछ मुस्लिम जमींदारों से जंग हो गई और पांच दिन बाद रंग पंचमी के दिन जीत के बाद होली मनाई गई। यह परंपरा, जाजमऊ शनिगंवा आदि क्षेत्रों में आज भी जिंदा है।

Related posts

54th KV National Sports Meet

54वीं केन्द्रीय विद्यालय राष्ट्रीय स्पोर्ट्स मीट 2024-25, इला पाण्डेय के नेतृत्व में दिल्ली बनी चैंपियन

September 26, 2025
UP शिक्षा सेवा चयन आयोग की चेयरमैन कीर्ति पांडेय ने दिया इस्तीफ़ा,सरकार ने त्यागपत्र स्वीकार कर वरिष्ठ सदस्य को सौंपी ज़िम्मेदारी

UP शिक्षा सेवा चयन आयोग की चेयरमैन कीर्ति पांडेय ने दिया इस्तीफ़ा,सरकार ने त्यागपत्र स्वीकार कर वरिष्ठ सदस्य को सौंपी ज़िम्मेदारी

September 26, 2025

कानपुर के हटिया की होली

कानपुर के हटिया बाजार की होली भारत की आजादी से जुड़ी है। बात 1942 की है। जब होली पर्व को लेकर हटिया बाजार में एक घटना हुई थी। तब अंग्रेजों ने होली खेलने पर रोक लगा दी थी और होरियारों को अरेस्ट कर जेल में डाला दिया था। जिसके बाद कनपुरिए सड़क पर उतर आए और आंदोलन चला और आखिर में अंग्रेजों को होरियारों को छोड़ना पडा। इसके बाद होरियारों ने हटिया बाजार से रंगों का ठेला निकाला। पूरे शहर में ठेले घुमें। लाखों लोग हटिया की होली में शामिल हुए। शाम को होरियारे गंगा के किनारे पहुंचे और खूब रंग-गुलाल उड़ाया। मां गंगा में डुबकी लगाई और तब से कानपुर का गंगा मेला इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया।

इन मोहल्लों में इस तरह मनाई जाती है होली

इतिहासकार बताते हैं कि कानपुर में कई दिनों की होली मनाने की परंपरा आजादी की जंग से पुरानी है। इस दौरान समाजिक सौहार्द भी खूब देखने को मिलता था। उजियारी पुरवा मूल रूप से मल्लाहों का क्षेत्र है। यहां और जाजमऊ क्षेत्र में पांच दिनों तक स्वांग का आयोजन होता था। इसमें मुस्लिम समाज बढ़कर भागीदारी करता था। वहीं आर्य नगर व स्वरूप नगर क्षेत्र में होली प्रतिपदा के दिन मनाई जाती थी। उजियारी पुरवा, खैरा नवाबगंज आदि क्षेत्र में होली के दूसरे दिन यानी भाई दूज को मनाई जाती थी। जबकि किदवई नगर के क्षेत्र में होली प्रतिपदा और दूज को मनाई जाती थी। बर्रा एक से लेकर बर्रा 12 तक में भी होली पूरे सात दिनों तक मनाई जाती है।

सिंधी समाज की कुछ खास होती है होली

कानपुर में सिंघी समाज की आबादी करीब डेढ़ लाख से अधिक है। सिंधि समाज होली पर्व पर अग्नि के फेरे लेकर सुख-समृद्धि की कामना करता है। पर्यावरण का संदेश देने के लिए सिंधी समाज एक ही स्थान पर होलिका दहन करता है। होली कच्चे स्थान पर जलाई जाती है, ताकि सड़क न खराब हो। होली दहन के अगले दिन महिला पुरुष बिना किसी विभेद के एक साथ फाग गाते हुए रंगोत्सव मनाते हैं। सबसे अहम, अगले दिन होली पंचायत बैठती है। बुजुर्ग इसके पंच होते हैं। मान्यता है, बड़ों से मांगी गई मन्नत हमेशा पूरी होती है। पंचायत में पूरा समाज एक साथ बैठकर खाना खाता है।

पहाड़ी समाज के लोग ऐसे मनाते हैं होली

कानपुर में पहाड़ तो नहीं हैं लेकिन शहर की दो हजार की आबादी वाला कुमाऊंनी समाज अपनी विरासत सहेजे हुए है। वसंत पंचमी पर अपने हाथ से बनी ढोल पर थाप संग गाकर होली की शुरूआत करते हैं। आमल एकादशी पर पहले भगवान के वस्त्र, फिर होली खेलने वाले कपड़े पर रंग डालते हैं। इसके अलावा कपड़े के लंबे टुकड़े यानी चीर को होलिका दहन स्थल पर ले जाने के बाद पेड़ में बांधकर उस पर रंग डालते हैं। यह प्रकृति को अपना मानने का संदेश है। इसके बाद खड़ी होली मनाई जाती है, जिसमें दो दल बनाकर शास्त्रीय गीत गाए जाते हैं। आज भी गणेश वंदना से होली गीत शुरू होते हैं।

मारवाड़ी समाज की होली

कानपुर में मारवाड़ी समाज सात दिन की होली मनाता है। अग्रवाल परिवार की महिलाएं होलिका की पूजा कर व्रत शुरू करती हैं और रात में होलिका दहन का दर्शन कर व्रत खोलती हैं। माहेश्वरी व चौधरी परिवार सूखी होली की पूजा नहीं करते हैं, लेकिन रात में अग्नि के फेरे लगाते हैं। वसंत पंचमी के दिन रेड़ के पेड़ लगाकर उसकी पूजा की जाती है। महिलाएं गोबर से ढाल-तलवार, नारियल, होलिका, पान, सिल-लोढ़ा, चक्की, सुपारी, सूरज, चंद्रमा आदि बड़कुला (बल्ले) बनाती हैं। 75 फीसद परिवारों की महिलाएं व्रत रखती हैं। 25 फीसद महिलाएं होलिका दहन के बाद घरों में पूजा करती हैं। होलिका की अग्नि लाकर उसमें गोले (नारियल) के टुकड़े डालकर धुआं दिखाकर घर शुद्ध किया जाता है।

गुजराती समाज की होली

गुजराती समाज अपने अंदाज में रंगोत्सव मनाता है। नौनिहालों को छोटे-छोटे कंडे (बल्ले) से बनी माला पहनाकर होलिका का दर्शन कराते हैं। तीन बार परिक्रमण कराने के बाद उसी माला को होलिका को अर्पित कर देते हैं। नवदंपत्ति के लिए होलिका दर्शन एवं परिक्रमण जरूरी है। होलिका दहन के समय सभी अपने घरों से गन्ने में धान बांधकर और लोटे में पानी भरकर लाते हैं। होलिका अग्नि में धान पकाते हुए धार से पानी डालते हुए पांच परिक्रमण करते हैं। हर परिक्रमा के बाद खजूर डालना जरूरी है। पका धान प्रसाद के रूप में लेते हैं। फिर अगले दिन घुरेटी खेलते यानी रंग, अबीर और गुलाल से होली खेलते हैं।

कुछ खास होती है सिख समाज की होली

होली से ही होला-मोहल्ला की उत्पत्ति हुई है। होली जहां चैत्र के पहले दिन मनाई जाती है, वहीं होला-मोहल्ला चैत्र के दूसरे दिन मनाया जाता है। सिख समाज में इसकी महत्ता है। इसकी शुरूआत शबद-कीर्तन और गुरुवाणी से होती है। युवा तरह-तरह के करतब दिखाते और भांगड़ा करते हैं। साथ लंगर छकते हैं। अबीर-गुलाल लगाकर बधाई देते हैं। श्रीगुरु सिंह सभा, लाटूश रोड गुरुद्वारा के प्रधान सरदार हरविंदर सिंह लार्ड कहते हैं कि दसवें गुरु गोबिन्द सिंह जी औरंगजेब और पहाड़ी राजा पर विजय हासिल कर लौटे थे। उनका रंग-गुलाल से भव्य स्वागत किया गया था।

मराठी समाज की होली

मराठी समाज का होलिका पूजन कुछ हट कर है। होलिका की आरती चने की दाल से बने दिये से उतारते हैं और फिर उसे प्रसाद के रूप में ग्रहण करते हैं। रात को होलिका दहन में गन्ने में गेंहू की बालियां बांधकर जलाते हैं। नारियल में स्वास्तिक लगाकर अर्पित करते हैं। चने की दाल पीसकर शक्कर मिलाकर दिये बनाते हैं और होलिका की आरती उतारी जाती हैं। इसे प्रसाद के रूप में ग्रहण करते हैं। होली के दिन हर घर में पूरन पोली (चने की दाल में शक्कर, केसर, इलायची और मेवा डालकर बनने वाली पूड़ी) बनाते हैं। खलासी लाइन स्थित महाराष्ट्र मंडल में जाकर सामूहिक होली खेलते हैं।

बंगाली समाज की होली

बंगाली समाज एक दिन पहले फूलों और गुलाल की होली खेलता है। इस दिन पीठे-पायस बनते हैं। शाम को मंदिरों में भगवान विष्णु और मां काली की पूजा होती है। होली के गीत गाते हुए ’दोल यात्राएं निकाली जाती है। इसे दोल पूर्णिमा भी कहते हैं। होलिका दहन के दिन शाम को दोल यात्रा निकाली जाती है। बंगाली समाज के लोग रविंद्र संगीत में होली गीत गाते हैं। घरों से टेसू के फूल से रंग बनाकर लाते हैं। एक दूसरे के साथ होली खेलते हैं। कालीबाड़ी, बंग भवन, अर्मापुर और आइआइटी में दोल यात्रा निकाली जाती है। दीपांकर भट्टाचार्य के मुताबिक बंगाली समाज में चैतन्य महाप्रभु के अनुयायियों ने फूलों की होली खेलना शुरू किया था। 1912 में रविंद्रनाथ टैगोर ने इसे दोल यात्रा का नाम दिया। तब से यह परंपरा लगातार चली आ रही है।

Tags: holi festivalHoli of Kanpurkanpur
Share196Tweet123Share49
Previous Post

Noida News: नोएडा एयरपोर्ट क्षेत्र में अवैध निर्माण पर प्रशासन की बड़ी कार्रवाई,मुख्य सचिव ने जताई थी नाराजगी

Next Post

12 दिन 22 फिल्मों का धमाका, 2025 का सबसे बड़ा फिल्म फेस्टिवल , जानें आमिर खान के लिए क्यों हैं खास ?

Vinod

Vinod

Next Post
Aamir Khan Film Festival

12 दिन 22 फिल्मों का धमाका, 2025 का सबसे बड़ा फिल्म फेस्टिवल , जानें आमिर खान के लिए क्यों हैं खास ?

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

UPCA
54th KV National Sports Meet

54वीं केन्द्रीय विद्यालय राष्ट्रीय स्पोर्ट्स मीट 2024-25, इला पाण्डेय के नेतृत्व में दिल्ली बनी चैंपियन

September 26, 2025
UP शिक्षा सेवा चयन आयोग की चेयरमैन कीर्ति पांडेय ने दिया इस्तीफ़ा,सरकार ने त्यागपत्र स्वीकार कर वरिष्ठ सदस्य को सौंपी ज़िम्मेदारी

UP शिक्षा सेवा चयन आयोग की चेयरमैन कीर्ति पांडेय ने दिया इस्तीफ़ा,सरकार ने त्यागपत्र स्वीकार कर वरिष्ठ सदस्य को सौंपी ज़िम्मेदारी

September 26, 2025
Greater Noida

नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट बना LC3 सीमेंट से तैयार होने वाला पहला एयरपोर्ट, जानें क्या है खासियत

September 26, 2025
Lucknow Crime Branch Inspector death

Lucknow Crime:लखनऊ में क्राइम ब्रांच इंस्पेक्टर की स्विमिंग पूल में डूबकर मौत,नहाने के दौरान हुआ हादसा

September 26, 2025
Bigg Boss 19

Bigg Boss 19 : बसीर और अमाल में आवेज़ को रोने पर किया मजबूर, फिर गौरव बनकर आए मसीहा, जानें इस एपिसोड में हुआ था क्या ?

September 26, 2025
UP

UP में भड़का धार्मिक विवाद: ‘आई लव मुहम्मद’ से ‘आई लव सनातन’ तक, अयोध्या और बरेली में बवाल

September 26, 2025
Leh Violence

लेह में हुई हिंसा के बाद सरकार ने अपनाया कड़ रुख, गिरफ्तार किए गए सोनम वांगचुक, NGO का लाइसेंस भी हुआ रद्द

September 26, 2025
Hapur

Hapur में दर्दनाक लव स्टोरी का अंत: प्रेमिका की खुदकुशी के 3 दिन बाद सिपाही ने भी दी जान

September 26, 2025
Maulana Tauqeer Raza

Maulana Tauqeer Raza का बड़ा बयान: फर्जी लेटरपैड का खेल, बरेली छावनी में तब्दील

September 26, 2025
Uttar Kumar Bail

Uttar Kumar Bail : दो बार रिपोर्ट लगाने के बाद पीड़िता ने मैडिकल करवाने से किया इनकार, 10 दिन जेल में रहकर बाहर आए उत्तर कुमार

September 26, 2025
news 1 india

Copyright © 2017 JNews.

Navigate Site

  • About
  • Advertise
  • Privacy & Policy
  • Contact

Follow Us

No Result
View All Result
  • Home
  • News
    • Politics
    • Business
    • World
    • Science
  • Entertainment
    • Gaming
    • Music
    • Movie
    • Sports
  • Tech
    • Apps
    • Gear
    • Mobile
    • Startup
  • Lifestyle
    • Food
    • Fashion
    • Health
    • Travel

Copyright © 2017 JNews.

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password?

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In

Add New Playlist

Go to mobile version