Republic Day : 26 जनवरी 2025 को भारत अपना 76वां गणतंत्र दिवस मनाएगा। यह दिन हर भारतीय के लिए गर्व का पल है क्योंकि इसी दिन 1950 में भारत का संविधान लागू हुआ था। यह संविधान भारत सरकार अधिनियम 1935 को हटाकर देश को एक गणराज्य के रूप में स्थापित करता है। 26 नवंबर 1949 को संविधान को अंतिम रूप दिया गया और दो महीने बाद इसे लागू किया गया।
तिरंगे के रंग और उनके अर्थ
हमारा तिरंगा तीन रंगों का एक सुंदर और गर्वपूर्ण प्रतीक है।
केसरिया रंग
साहस, बलिदान और देश के प्रति समर्पण का प्रतीक है।
सफेद रंग
शांति, सत्य और एकता की भावना को दर्शाता है।
हरा रंग
विकास, समृद्धि और पर्यावरण के प्रति हमारी जिम्मेदारी का संकेत है।
अशोक चक्र
जो 24 तीलियों वाला पहिया है, जीवन और मृत्यु के शाश्वत चक्र को दर्शाता है और हमें सही राह पर चलने की प्रेरणा देता है।
तिरंगा फहराने के नियम
भारतीय ध्वज को फहराने के लिए कुछ विशेष नियम बनाए गए हैं ताकि इसका सम्मान बना रहे।
आकार और अनुपात ध्वज का आकार आयताकार होना चाहिए, जिसकी लंबाई-चौड़ाई का अनुपात 3:2 हो।
संहिता
2002 और 2021 में संशोधित ध्वज संहिता नागरिकों को अपने घरों पर तिरंगा फहराने की अनुमति देती है।
प्रदर्शन का तरीका
झंडा फहराते समय इसकी केसरिया पट्टी हमेशा ऊपर होनी चाहिए।
देखभाल और सम्मान ध्वज को सूर्योदय से सूर्यास्त तक फहराना चाहिए। रात में तिरंगा तभी फहराया जा सकता है जब उसके पास रोशनी की व्यवस्था हो। जब उपयोग में न हो, तो इसे त्रिकोणीय आकार में मोड़कर रखा जाना चाहिए।
क्या करें
सभी नागरिक और संस्थान तिरंगे का सम्मान करते हुए इसे किसी भी दिन फहरा सकते हैं।शैक्षणिक संस्थानों को देशभक्ति का संदेश देने के लिए इसे फहराने को प्रोत्साहित किया जाता है। स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस जैसे अवसरों पर झंडे को प्रमुखता से दिखाना चाहिए।फहराने और उतारने के दौरान तिरंगे को सलामी दें।
क्या न करें
झंडे को जमीन या पानी से छूने न दें।इसे कपड़े, सजावट या टेबलकवर के रूप में उपयोग न करें।झंडे को विकृत या अव्यवस्थित तरीके से न रखें।
झंडे पर फूल या अन्य वस्तुएं न रखें।