जम्मू। राजौरी जिले में आतंकवादियों से मुठभेड़ के दौरान सेना के दो अधिकारी और एक डीएसपी शहीद हो गए. इससे एक दिन पहले विशेष सेना में शामिल एक विशेष कुत्ता केंट की भी गोली लगने से मौत हो गई थी. केंट सैनिकों की एक टुकड़ी का नेतृत्व कर रही थी. दरअसल, राजौरी जिले में मंगलवार को मुठभेड़ के दौरान अपने ‘हैंडलर’ को बचाने की कोशिश में सेना की 21वीं श्वान इकाई की छह वर्षीय मादा लैब्राडोर की मौत हो गई. शहीद होने से पहले केंट ने कुल नौ अभियानों में अपना सहयोग दिया था. मादा लैब्राडोर केंट की मौत पर रक्षा मंत्रालय के अधिकारी ने कहा कि केंट भाग रहे आतंकवादियो का पीछा कर रहे सैनिकों की एक टुकड़ी का नेतृत्व कर रही थी. इस दौरान गोलीबारी में मादा लैब्राडोर कैंट की गोली लगने से मृत्यु हो गई. कैंट की मौत के बाद उसके पार्थिव शरीर को तिरंगे मे लपेट कर उसे श्रद्धांजली अर्पित किया गया और बुधवार को नम आंखों से उसको विदा किया गया.
सुजलीगाल ऑपरेशन में दिया योगदान
जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले में मंगलवार को सुदूरवर्ती नारला गांव में तीन दिन के अभियान के दौरान दो आतंकवादी मार गिराए गए थे. जबकि इस दौरान सेना का एक जवान भी शहीद हो गया. इसके अतिरिक्त इस अभियान में सेना के दो जवान और पुलिस का एक विशेष अधिकारी भी जख्मी हो गया था. केंट ने ‘ऑपरेशन सुजलीगाला’ का नेतृत्व किया था. केंट की शहादत के बाद उसके पार्थिव शरीर को तिरंगे में लपेटा गया और उसे पुष्पांजलि अर्पित की गई. सेना के जवानों ने बुधवार को केंट को अंतिम श्रद्धांजली दी.
पुंछ ऑपरेशन में लिया था हिस्सा
सेना के एक अधिकारी ने प्रेस ब्रीफ जारी कर बताया कि केंट आर्मी नंबर 08बी2 के साथ सुनहरे रंग का एक विशेष ट्रैकर कुत्ता था. उसने पिछले साल 14 नवंबर को पुंछ लिंक अप दिवस पर अपने पहले ऑपरेशन में हिस्सा लिया था. इसके बाद बीते साल ही 30 दिसंबर को उसे ऑपरेशन में सम्मिलित किया गया था. फिर उसने 27 जनवरी, 11 सितंबर को तलाशी अभियान और 4 अप्रैल को चोरी के एक मामले की जांच में भाग लिया था. मंगलवार को एक सेना अधिकारी द्वारा कहा गया था कि केंट ने अपने हैंडलर को बचाते हुए भारतीय सेना की सर्वोत्तम परंपराओं का कौशल दिखाते हुए अपने जीवन का बलिदान दे दिया.