Supreme Court : सुप्रीम कोर्ट ने चाइल्ड पोर्नोग्राफी पर ऐतिहासिक फैसला सुनाया है. बताया जा रहा है, कि अब चाइल्ड पोर्नोग्राफी को डाउनलोड करना और देखना भी पॉस्को (POCSO) के तहत अपराध माना जाएगा.
चाइल्ड पोर्नोग्राफी पर Supreme Court सख्त
सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि चाइल्ड पोर्नोग्राफी देखना, डाउनलोड करना और उसे फैलाना कानून के तहत गंभीर अपराध है। कोर्ट ने इस तरह के कृत्यों के प्रति कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि चाइल्ड पोर्नोग्राफी न केवल नैतिकता के खिलाफ है, बल्कि यह समाज और बच्चों के मानसिक, शारीरिक और सामाजिक विकास पर गंभीर प्रभाव डालता है।
मिलेगी सख्त सजा
सुप्रीम कोर्ट Supreme Court ने इस मुद्दे पर सुनवाई करते हुए कहा कि ऐसी गतिविधियां बच्चों के शोषण को बढ़ावा देती हैं और इस पर रोक लगाने के लिए कड़े कानून और कड़ी सजा की आवश्यकता है। कोर्ट ने यह भी कहा कि जो लोग इस प्रकार की सामग्री को डाउनलोड या साझा करते हैं, उन्हें कानून के मुताबिक सख्त सजा दी जानी चाहिए।
इस फैसले के बाद यह साफ हो गया है कि इंटरनेट पर किसी भी प्रकार की चाइल्ड पोर्नोग्राफी सामग्री देखना या डाउनलोड करना न केवल अनैतिक है, बल्कि अपराध की श्रेणी में आता है और इसके लिए दंड का प्रावधान है। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से इस दिशा में सख्त कदम उठाने का भी आग्रह किया है, ताकि बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।यह निर्णय भारत में बढ़ती ऑनलाइन अपराधों और चाइल्ड पोर्नोग्राफी के खिलाफ एक मजबूत संदेश के रूप में देखा जा रहा है।