Bharat Forecast System: भारत सरकार ने एक बड़ी और जरूरी पहल करते हुए ‘भारत फोरकास्ट सिस्टम’ लॉन्च किया है। यह एक हाई-टेक मौसम पूर्वानुमान मॉडल है, जो अब पूरे देश में ग्राम पंचायत स्तर तक सटीक मौसम की जानकारी देगा। यह सिस्टम 6 किलोमीटर के रिज़ॉल्यूशन पर काम करता है और इसे पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय ने हाल ही में लॉन्च किया है।
इसका विकास ऐसे समय में हुआ है जब देश के कई हिस्सों में मौसम की मार झेलनी पड़ रही है। मई 2025 की शुरुआत में ही दिल्ली और एनसीआर में धूलभरी आंधी और बिजली गिरने से 12 से ज्यादा लोगों की जान चली गई। इससे उड़ानों में देरी, जलभराव और बिजली गुल होने जैसी समस्याएं भी सामने आईं। ऐसे हालात में यह सिस्टम समय की जरूरत बन गया है।
भारत में बना, अब तक का सबसे एडवांस्ड सिस्टम
इस सिस्टम को पुणे स्थित भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान (IITM) ने तैयार किया है। यह पूरी तरह देसी तकनीक से बना है। यह सिस्टम 2022 से टेस्टिंग मोड में था और इस दौरान इसने भारी बारिश की सटीक भविष्यवाणी में 30% तक सुधार दिखाया है। खासकर मानसून के दौरान बारिश के अनुमान 64% ज्यादा सही साबित हुए हैं।
तेज़ स्पीड, कम समय में सटीक जानकारी
IITM के निदेशक डॉ. सूर्यचंद्र राव के मुताबिक, पुराने सिस्टम को एक फोरकास्ट बनाने में 12-13 घंटे लगते थे, जबकि भारत फोरकास्ट सिस्टम सिर्फ 3-4 घंटे में यह काम कर लेता है। इतना ही नहीं, यह ट्रॉपिकल यानी गर्म इलाकों में 6 किलोमीटर और ठंडे इलाकों में 7-8 किलोमीटर के दायरे में मौसम की सही जानकारी देता है।
सेना और राहत टीमों के लिए भी फायदेमंद
मौसम विभाग के प्रमुख डॉ. मृत्युंजय महापात्र ने बताया कि यह सिस्टम सिर्फ आम लोगों के लिए नहीं, बल्कि सेना और आपदा राहत टीमों के लिए भी बेहद फायदेमंद रहेगा। इससे बाढ़, तूफान या किसी भी आपदा की स्थिति में पहले से तैयारी की जा सकेगी।
1994 से लेकर आज तक की मौसम विज्ञान यात्रा
भारत ने 1994 में पहला डिजिटल मौसम मॉडल लॉन्च किया था। लेकिन तब से अब तक ज्यादातर सिस्टम विदेशी तकनीक पर निर्भर थे। भारत फोरकास्ट सिस्टम भारत का पहला ऐसा उन्नत मॉडल है जो पूरी तरह यहीं बना है। यह आत्मनिर्भर भारत की दिशा में बड़ा कदम है।
क्या होता है संख्यात्मक मौसम मॉडल?
यह एक ऐसा कंप्यूटर प्रोग्राम होता है जो गणितीय फॉर्मूलों की मदद से मौसम का अनुमान लगाता है। इसमें तापमान, हवा की दिशा, नमी, दबाव जैसे आंकड़ों को मिलाकर फ्यूचर का मौसम बताया जाता है। भारत फोरकास्ट सिस्टम में यही काम बहुत तेजी और सटीकता से होता है।
किसानों और गांवों को मिलेगा सबसे बड़ा फायदा
इस मॉडल की सबसे खास बात यह है कि यह गांव-गांव तक सही जानकारी पहुंचा सकता है। किसान जान पाएंगे कि कब बुआई करनी है, कब बारिश होगी या ओले गिरने की संभावना है। इससे खेती, स्वास्थ्य सेवाएं और आपदा प्रबंधन भी पहले से बेहतर हो सकेंगे।
मौसम के खिलाफ भारत की मजबूत तैयारी
जलवायु बदलाव के इस दौर में जब हर साल मौसम की गंभीर घटनाएं बढ़ रही हैं, भारत फोरकास्ट सिस्टम एक मजबूत कवच बनकर सामने आया है। यह न केवल वैज्ञानिक उपलब्धि है, बल्कि सुरक्षा, जागरूकता और आत्मनिर्भरता की मिसाल भी है।