• About
  • Advertise
  • Privacy & Policy
  • Contact
Friday, August 15, 2025
news 1 india
  • Login
  • Home
  • News
    • Politics
    • Business
    • World
    • Science
  • Entertainment
    • Gaming
    • Music
    • Movie
    • Sports
  • Tech
    • Apps
    • Gear
    • Mobile
    • Startup
  • Lifestyle
    • Food
    • Fashion
    • Health
    • Travel
No Result
View All Result
news 1 india
No Result
View All Result
Home वायरल वीडियो

Viral post: “2 जून की रोटी” क्या है ये वायरल मीम की कहानी, जानिए कैसे करोड़ो भारतीय कर रहे हैं ख़ुद को रिलेट

"दो जून की रोटी" का मतलब है दिन में दो बार खाना मिलना, जो आज भी करोड़ों गरीब परिवारों के लिए बड़ी चुनौती है। ये कहावत गरीबी और मेहनत की सच्ची तस्वीर पेश करती है।

by Sadaf Farooqui
June 2, 2025
in वायरल वीडियो
0
491
SHARES
1.4k
VIEWS
Share on FacebookShare on Twitter

Viral post: भारत में जब भी किसी की गरीबी या मेहनत भरी जिंदगी की बात होती है, तो अक्सर “दो जून की रोटी” की कहावत सुनने को मिलती है। लोग इसे गरीबी और रोजमर्रा की जरूरतों से जोड़ते हैं। लेकिन इस मुहावरे में जो “जून” शब्द है, उसका मतलब महीना नहीं बल्कि समय होता है।

“जून” शब्द का असली मतलब क्या है?

“जून” शब्द अवधी भाषा से आया है, जो उत्तर प्रदेश के लखनऊ, कानपुर जैसे इलाकों में बोली जाती है। यहां “जून” का मतलब होता है वक्त। इस हिसाब से “दो जून की रोटी” का मतलब है। दिन में दो बार खाने का इंतजाम करना।

Related posts

Viral Video

ऋषिकेश की गलियों में स्कूटी लेकर निकला सांड.. सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो

May 3, 2025
Viral Video: होली के जश्न के वीडियो पर हुआ था बवाल, अब तेज प्रताप ने दी सफाई, बोले “बुरा न मानो होली है”

Viral Video: होली के जश्न के वीडियो पर हुआ था बवाल, अब तेज प्रताप ने दी सफाई, बोले “बुरा न मानो होली है”

March 16, 2025

ये कहावत बताती है कि एक गरीब इंसान के लिए सुबह और शाम के खाने का भी इंतजाम करना कितना मुश्किल होता है। आज भी भारत के करोड़ों लोग सिर्फ दो वक्त की रोटी के लिए मेहनत करते हैं।

गरीबों के लिए रोज की चुनौती

नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे (NFHS) के आंकड़ों के मुताबिक, भारत में आज भी करीब 19 से 20 करोड़ लोगों को दो वक्त भरपेट खाना मिलना भी मुश्किल है। ये लोग दिनभर मेहनत करते हैं, लेकिन तब भी पेट भर खाना मिलना एक सपना जैसा होता है।

गर्मी के मौसम में और बढ़ जाती है परेशानी

“जून” शब्द को लोग अक्सर जून के महीने से जोड़ते हैं, क्योंकि ये साल का सबसे गर्म महीना होता है। इस दौरान मजदूरों और रेहड़ी-पटरी वाले लोगों के लिए काम करना और भी मुश्किल हो जाता है। दोपहर के वक्त गर्मी इतनी तेज होती है कि सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहता है, जिससे मजदूरों को काम नहीं मिलता। ऐसे में दिन में दो बार खाने का इंतजाम करना उनके लिए बड़ी चुनौती बन जाती है।

ये भी पढ़ें-Corona Virus: बीते 24 घंटों में सामने आए नोएडा में इतने कोरोना के नए केस,पूरे प्रदेश में भी बढ़ी संख्या

मेहनत की कमाई और जिंदगी की सच्चाई

“दो जून की रोटी” केवल एक कहावत नहीं, बल्कि करोड़ों लोगों की जिंदगी की हकीकत है। इससे समझ आता है कि कितने लोग आज भी दिन-रात मेहनत करके सिर्फ इतना चाहते हैं कि उनके घर में सुबह और शाम का खाना बन सके।

Tags: Indian Culture and LanguageSocial Issues in India
Share196Tweet123Share49
Previous Post

Corona Virus: बीते 24 घंटों में सामने आए नोएडा में इतने कोरोना के नए केस,पूरे प्रदेश में भी बढ़ी संख्या

Next Post

भारत बना दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था क्यों बढ़ रही तेज़ रफ़्तार अमीरी और लग्ज़री मार्केट

Sadaf Farooqui

Sadaf Farooqui

Next Post
भारत बना दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था क्यों बढ़ रही तेज़ रफ़्तार अमीरी और लग्ज़री मार्केट

भारत बना दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था क्यों बढ़ रही तेज़ रफ़्तार अमीरी और लग्ज़री मार्केट

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

news 1 india

Copyright © 2017 JNews.

Navigate Site

  • About
  • Advertise
  • Privacy & Policy
  • Contact

Follow Us

No Result
View All Result
  • Home
  • News
    • Politics
    • Business
    • World
    • Science
  • Entertainment
    • Gaming
    • Music
    • Movie
    • Sports
  • Tech
    • Apps
    • Gear
    • Mobile
    • Startup
  • Lifestyle
    • Food
    • Fashion
    • Health
    • Travel

Copyright © 2017 JNews.

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password?

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In

Add New Playlist

Go to mobile version