आपने खून पीने वाले वैम्पायर के बारे में तो सुना ही होगा। लेकिन क्या आपने खून पीने वाली महिला के बारे में सुना है। हम यहां बात कर रहे हैं ऐसे ही एक महिला की। ये सनसनीखेज मामला उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले के रोजा थाना क्षेत्र से सामने आया है। जिसे सुनकर आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे। दरअसल हाल ही में कोर्ट ने बच्चे का खून पीने वाली एक महिला को उम्रकैद की सजा सुनाई है।
तांत्रिक के कहने पर रचा खेल
बता दें कि जिले के रौजा थाना क्षेत्र में एक महिला ने तांत्रिक के कहने पर करीब पांच साल पहले अपने पड़ोस में रहने वाले एक बच्चे की बेरहमी से हत्या कर दी। फिर उसका खून पिया। इसी निर्मम हत्या के मामले में अब एडीजे थर्ड की कोर्ट ने महिला और उसके दो अन्य साथियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है।
मिली जानकारी के अनुसार करीब पांच साल पहले यानी 5 दिसंबर 2017 में गांव की महिला धन देवी ने इस घिनौनी वारदात को अंजाम दिया था। दरअसल धन देवी की कोई संतान नहीं थी। जिसके चलते वह किसी तांत्रिक के पास जाती है। तांत्रिक ने उसे सलाह दी कि अगर वह अपने हाथों से किसी बच्चे की बलि चढ़ाएगी तो वह मां बन जाएगी। तांत्रिक की बातों में आकर महिला ने अपने पड़ोस के रहने वाले 10 साल के मासूम लालदास को टीवी देखने के बहाने अपने घर पर बुलाय। फिर बच्चे को घर में ही बंद कर लिया।
बच्चा का शव घर के सामने फैंका
इसके बाद महिला ने अपने दो साथियों के साथ मिलकर बच्चे की गला दबाकर हत्या कर दी। फिर तांत्रिक के कहे मुताबिक उसने बलि देने के तरीके को अपनाया और बच्चे का गला काटकर उसका खून पिया। मासूम की निर्मम हत्या के बाद महिला ने उसका शव घर उनके घर के सामने ही फेंक दिया। जांच में पुलिस ने शक के आधार पर महिला सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया था। महिला ने पूछताछ में खुलासा किया कि उसने बच्चे की बलि चढ़ाने के लिए उसकी हत्या की थी। फिर गला काटकर मासूम का खून पिया था।
अदालत के फैसले से संतुष्ट पीड़ित परिजन
पांच साल बाद महिला को सजा मिली और बच्चे के परिवार इंसाफ। कोर्ट ने बच्चे का खून पीने महिला और उसके 2 साथियों को उम्रकैद की सजा सुनाई। वहीं पीड़ित परिजन अदालत के फैसले से संतुष्ट हैं। उन्होंने भारतीय न्यायिक प्रक्रिया पर भरोसा जताया है। हालांकि उनका बच्चा अब वापस नहीं आ पाएगा।