जब परिवार में गरीबी छाई हो और बच्चे के लिए मां के पास खाना खिलाने के पैसे तक न हो तो कहा जाता है कि मां अपना पेट चिर कर भी खाना खिला सकती है लेकिन अपने बच्चे को भूखा नहीं रख सकती। वहीं ऐसे में वो गरीब परिवार रातों रात अमीर बन जाए तो। ऐसी ही कहानी के बारे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं, जिसे सुनकर आपको एक पल के लिए हैरानी होगी, लेकिन यह कहानी हकिकत में घटी है।
टीचर ने ऑनलाइन लोगों से मदद मांगी
केरल में एक महिला ने अपने पति को खो दिया। इसके बाद उसके बुरे दिन शुरू हुए। कुछ महीने तो लोगों से मदद लेकर चल गए, लेकिन हालात ऐसे बिगड़े कि उसके पास अपने बच्चों को खिलाने के लिए कुछ भी नहीं बचा। वो महिला खुद तो भूख बर्दाश्त कर सकती थी, लेकिन अपने बच्चों का दुख उससे देखा नहीं जा रहा था। इसलिए महिला ने अपने बच्चों के टीचर से मदद ली। केरल के पलक्कड़ की रहने वाली सुभद्रा ने अपने बड़े बेटे के टीचर से खाने के लिए कुछ पैसे मांगे। लेकिन इसके बाद जो हुआ वो आविश्वसनीय था। वहीं मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक टीचर ने ऑनलाइन लोगों से मदद मांगी। शुरू में कुछ लोगों ने पैसे दान किए, लेकिन वो कहते है ना भगवान भी कभी- कभी हम पर मेहरबान हो जाता है, यहां पर भी यहीं हुआ अचानक से वो पोस्ट वायरल हुई और महिला की मदद के लिए 51 लाख रुपये से ज्यादा राशि जमा हो गई। ये पैसे क्राउफंडिंग अभियान के तहत इकट्ठा हुए, ऐसे में वो सीधे महिला के खाते में ट्रांसफर हो गए हैं।
मात्र मांगे 500 रुपए, मिल गए 51 लाख
वहीं सुभद्रा ने टीचर गिरिजा से मात्र 500 रुपए की मदद मांगी थी, गिरिजा ने एक हजार रुपये दिए थे लेकिन सुभद्रा की भगवान ने भी सुन ली। टीचर ने फेसबुक पर पोस्ट करते हुए लिखा कि मुझे नहीं पता कि आप सभी का आभार कैसे करूं। आपको बता दें कि इस मामले को लेकर शिक्षक गिरजा हरिकुमार ने कहा कि उनके पास एक लड़का अभिषेक पढ़ने आता है। कुछ दिनों पहले उसकी मां सुभद्रा आई। उसके पति की मौत अगस्त में हो गई थी, इसलिए वो कापी ज्यादा परेशान थी। उसके पास गुजारे के लिए कुछ भी नहीं था। सुभद्रा ने उनसे 500 रुपये मांगे थे, लेकिन उन्होंने उसे 1000 रुपए दे दिए। इसके बाद उसे मदद का भरोसा दिलाया। गिरजा का कहना है कि जब वो पोस्ट कर रही थी तो उसके वक्त उनके मन में सिर्फ दो इरादे थे। पहला- उनका अधूरा घर पूरा हो जाए और वो ढंग से जीवनयापन करें। दूसरा -वो बच्चे को खिलाने और उसे पढ़ाने के लिए भीख ना मांगे। वो उन लोगों का आभार व्यक्त करती हैं, जिन्होंने महिला की मदद की। उनके पति ने मरने से पहले जो घर बनवाना शुरू किया था, अब वो पूरा हो जाएगा।