पुरूषों के साथ साथ कंधे से कंधा मिलाकर महिलाएं भी क्रिकेट में आए दिन झंडे गाड़ रही हैं, चाहे एशिया 2022 हो या फिर 2022 कॉमनवेल्थ गेम्स हों, भारत की महिला खिलाड़ियों ने देश का गौरव दुनिया भर में बढाया ही है। सीनियर वुमेंस टीम तो लगातार क्रिकेट में अच्छा कर ही रही है लेकिन अब अंडर-19 महिला टीम ने भी भारत का झंडा पूरी दुनिया में फहरा दिया है। बता दें दक्षिण अफ्रीका में खेले गए वुमेंस अंडर – 19 विश्व कप में भारतीय महिला अंडर-19 टीम ना सिर्फ विश्व कप के फाइनल में पहुंची बल्कि फाइनल में इंग्लैंड को 7 विकेट से हराकर भारत की बेटियों ने तिरंगे का गौरव बढ़ाया। ये वुमेंस अंडर-19 टी120 विश्व कप का पहला संस्करण था जिसे भारत की बेटियों ने अपने नाम किया। इतना ही नहीं वुमेंस विश्व कप के इतिहास में भी ये पहली बार था कि किसी भारतीय टीम ने टाइटल अपने नाम किया हो। यानी सही मायनों में भारतीय अंडर-19 महिला क्रिकेट टीम ने ना सिर्फ इतिहास रचा बल्कि देश की महिलाओं को पहला क्रिकेट विश्व कप भी दिलाया।

इंग्लैंड को घुटनों पर लाईं भारतीय बेटियां –

मैच की बात करें तो भारत की कप्तान शफाली वर्मा ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का फैसला लिया। जो कि बाद में जाकर बिल्कुल सही साबित हुआ क्योंकि भारतीय महिला अंडर -19 टीम ने इंग्लैंड की महिला अंडर-19 टीम को महज 68 रनों पर समेट कर रख दिया था। भारतीय गेंदबाज तितास साधू, अर्चना देवी और पार्शवी चोपड़ा ने 2-2 विकेट लिए वहीं मन्नत कश्यप, शफाली वर्मा और सोनम यादव को 1-1 विकेट मिला।
मात्र 16 ओवरों में रचा इतिहास –

पहली पारी में 68 के कुल स्कोर पर इंग्लैंड की टीम को समेटने के बाद भारतीय महिला खिलाड़ियों को स्कोर चेस करना और इतिहास बनाना आसान सा लग रहा था और अंत में भारतीय टीम ने महज 16 ओवरों में बेहर आसानी से लेकिन सावधानीपूर्वक 69 रनों के टारगेट को हासिल किया और क्रिकेट के इतिहास में भारत का एक और अध्याय लिख दिया। बल्लेबाजी में कप्तान शफाली वर्मा ने 15, सौम्या तिवारी और गोंगड़ी तृषा ने 24-24 रन बनाए, सौम्या तिवारी के बल्ले से ही विनिंग रन आया था। इस फाइनल मुकाबले में तितास सांधू को प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया।
