उत्तर प्रदेश के जनपद संभल में बाबा का बुलडोजर ग्रस्त हुआ दिखाई दे रहा है। दरअसल संभल से एक ऐसी तस्वीर सामने आ रही है। जिसमें बाबा का बुलडोजर भी चला और पुलिस भी मौजूद रही। लेकिन किराए की पुलिस। 1 दिन की पुलिस को लगभग ₹333000 दिए गए और बुलडोजर भी किराए पर लिया गया। एक व्यक्ति की शिकायत पर मकान को धराशाई किया गया। लेकिन इसके पीछे कुछ और मकसद था। इसके पीछे भूमाफिया का हाथ था।
90 साल से मकान में रह रहा था परिवार
बता दें कि शुक्रवार यानी 10 फरवरी को पुलिस ने जिले में चंदौसी कोतवाली क्षेत्र के फड़ियाई बाजार स्थित एक मकान पर बुलडोजर चला दिया। इस दौरान पुलिस को मकान मालिक के परिवार का विरोध झेलना पड़ा। दरअसल मकान मालिक ने पुलिस प्रशासन पर परिवार को बंधक बनाकर बुलडोजर की कार्रवाई करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि वह पिछले 90 सालों से यहां रह रहे हैं और प्रशासन ने उनके मकान को बिना नोटिस दिए ही गिरा दिया। उनका कोर्ट में मामला चल रहा है। इसके बाद भी पुलिस ने उनकी एक नहीं सुनी और मकान गिरा दिया। वहीं प्रशासन सफाई में कोर्ट के आदेश पर मकान को गिराने की बात कह रहा है।

मकान ध्वस्त होता देखकर रोते रहे बच्चे
प्रशासन ने नोटिस का हवाला देते हुए ट्रांसपोर्ट के मकान और दुकानों को जेसीबी से ध्वस्त कर दिया। जिसके परिवार बेघर हो गया। मकान ध्वस्त होता देखकर महिलाएं बच्चे रोने लगे। कार्रवाई का विरोध पर पुलिस महिला सहित बच्चों को भी ले गई।
लेकिन आपको बता दें कि पुलिस ₹333000 देकर ड्यूटी लगाई गई थी। भूमाफिया ने 1 दिन की सैलरी जमा की थी। हरियाली बाजार में करीब 610 की भूमि है। इस भूमि पर 100 गज में पुराने मकान में बुजुर्ग सरला देवी का परिवार 90 साल से रह रहा था। आरोप है कि भूमि और मकान पर शहर के भूमाफिया की नजर पड़ गई। शहर के रहने वाले पर्यावरणविद अंशु गॉड ने जर्जर मकान का हवाला देते हुए उप जिला मजिस्ट्रेट को जानकारी दी। अंशु गॉड के पक्ष में आदेश के बाद मकान खाली कराने के नोटिस भी दिया गया। लेकिन इस परिवार ने जर्जर नहीं छोड़ा।

पुलिस ने धक्का देकर परिवार को निकाला बाहर
हालांकि सरला देवी का कहना था कि उन्होंने कोई नोटिस नहीं मिला। इस कार्रवाई के बाद सरला देवी के परिवार के बुजुर्ग महिला व बच्चे बेघर हो गए। सरला देवी के पुत्र अमित ट्रांसपोर्ट ने बताया कि उनका बच्चों को उनके परिवार को और जबरदस्ती धक्का देकर पुलिस ने निकाला दिया।
फिलहाल सरला देवी के परिवार का आरोप है कि भूमाफिया ने प्रशासन से मिलकर हमें बेघर कर दिया है। अब क्योंकि शर्मा और इसका बिरादरी के लोग मकान मालिक का सहयोग कर रहे हैं तो इधर राजनीतिक लोग भी अब बाहर आ गए हैं। कई पार्टियों के लोगों ने उनसे पास मिलकर उनकी बात सुननी है।

कभी भी गिर सकता था जर्जर मकान
वहीं सरला देवी ने आरोप लगाया कि उनकी हाई स्कूल में पढ़ने वाली मासूम बच्ची को भी पुलिस ले गई। इस पूरे मामले में नायब तहसीलदार अनुज कुमार ने बताया कि 28 नवंबर 2022 को एसडीएम कार्यालय से आदेश जारी हुआ था। जिसके तहत इस परिवार को भवन खाली करने का नोटिस दिया था। लेकिन उसे खाली नहीं किया और आज भवन को गिराने की कार्रवाई की गई है। चंदौसी एसडीएम रामकेश धामा ने बताया कि मकान पूरी तरह से जर्जर अवस्था में था। मकान के गिरने की आशंका बनी हुई थी। हालांकि पूरा मकान जर्जर अवस्था में नहीं है जो हिस्सा जर्जर अवस्था में है उसी को गिराने के आदेश दिए गए थे। उस जर्जर हिस्से को गिराया गया है। मकान स्वामी से किसी प्रकार की जोर जबरदस्ती नहीं की गई है। शांति व्यवस्था की दृष्टि से पुलिस बल को लगाया गया था।