हिंदू धर्म में महाशिवरात्री का बहुत महत्व है। हर साल इस त्योहार को दक्षिण भारतीय कैलेंडर के अनुसार माघ के महीने में और उत्तर भाारतीय कैलंडर के अनुसार माघ के महीने में साल में कुल 12 बार आता है। एक पौराणिक कथा के अनुसार, महाशिवरात्रि या शिव की महान रात उस रात को संदर्भित करती है, जब भगवान शिव अपना तांडव नृत्य करते हैं। एक अन्य कहावत ये भी है कि यह दिन उस रात को याद करता है जब शिव और पार्वती का विवाह हुआ था। इस साल महाशिवरात्री 18 फरवरी को मनाई जा रही है।
बता दें कि महाशिवरात्रि पूरे देश में मनाई जाती है चाहे वह उत्तराखंड, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, पंजाब हो या फिर हिमाचल प्रदेश, बिहार से लेकर कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश या तेलंगाना। देशभर के भफक्त शिव मंदिरों में जाते हैं, शिव की अर्चना करते हैं और शिवलिंग पर दूध, धतूरा बेल पत्र, चंदन का पेस्ट, घी, चीनी और अन्य भोग सामग्री चढ़ाते हैं। शिव भक्त पूरे दिन उपवास रखते हैं और अगली सुबह उपवास तोड़ते हैं।
चलिए आपको बताते हैं कि व्रत के दिन क्या करें और किन बातों का ख्याल रखें:-
व्रत के दिन क्या करें?
- महाशिवरात्रि व्रत का संकल्प व्रत से एक दिन पहले सुबह स्नान करने के बाद और शिव पूजा करते समय लिया जाता है। संकल्प हथेली में कुछ चावल और पानी रखकर होता है।
- व्रत के दिन ब्रह्म मुहूर्त या सूर्योदय के आसपास सुबह जल्दी उठें
- व्रत के दिन स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करना चाहिए
- जो लोग इस व्रत को कर रहे हैं उन्हें सलाह दी जाती है कि वे दिन में कई बार ‘ओम नमः शिवाय’ का जाप करें
- जो लोग कुछ स्वास्थ्य स्थितियों से पीड़ित हैं या दवा ले रहे हैं, उन्हें उपवास करने से पहले अपने चिकित्सक से परामर्श करना चाहिए.
- भगवान शिव के प्रसाद में दूध, धतूरे का फूल, बेलपत्र, चंदन का पेस्ट, दही, शहद, घी और चीनी शामिल हैं.,
महाशिवरात्रि व्रत में क्या न करें?
- चावल, गेहूं या दालों से बने भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि व्रत के दौरान इन खाद्य पदार्थों की अनुमति नहीं होती है.
- मांसाहारी भोजन, लहसुन, प्याज से सख्ती से बचना चाहिए क्योंकि ये वस्तुएं तामसिक प्रकृति की होती हैं.
- शिवलिंग पर नारियल पानी नहीं चढ़ाना चाहिए.
- व्रत रखने वाले को दिन में सोना नहीं चाहिए. शास्त्रों के अनुसार दिन में सोने से आपको व्रत का फल नहीं मिलता है.