सनातन शब्द, ये एक ऐसा शब्द है जो इस वक्त चर्चा का विषय बना हुआ है। इसकी वजह है दक्षिणी राज्य के तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि का वो बयान जिसने सनातन धर्म को खत्म करने की बात कही। वो कहते हैं कि सनातन धर्मिम को मिटाना होगा। आप कुछ चिजों का विरोध नहीं कर सकते है। जैसे की आप डेंगू-मलेरिया, कोरोना का विरोध नहीं कर सकते, उन्हे मिटामा ही पड़ता है। ऐसे ही सनातन का विरोध कर सकते हैं, उसे मिटाना ही होगा। आगे वह कहते हैं कि सनातन का मतलब है, जिसे बदला ना जा सके।
इधर सनातन का किया अपमान, जी20 पर सनातन संस्कृति कर रही कमाल
जहां एक तरफ भारत में रहकर भारतीय लोग सनातन धर्म का अपमान कर रहे हैं, जिस भूमि में खड़े है वो भी सनातना का ही हिस्सा है, जिसका आज अपमान किया जा रहा है। लेकिन वहीं दिल्ली की इमारतों को सनातन धर्म, सड़कों को मधुबनी और संस्कृति की पेंटिंग के जरिए सजाया गया है। जी-20 शिखर सम्मेलन में इस बार सनातन संस्कृति की छाया में हैं। इतना ही नहीं बल्कि इसी भाव का दृष्टिगत रखते हुए शिखर सम्मेलन स्थर पर भगवान शिव की 28 फीट ऊंची नटराज प्रतिमा को प्रतीक रूप में स्थापित किया गया है।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसी शाश्वत दर्शन से भारतीय संस्कृति के दो सनातन शब्द लेकर ‘वसुधैव कुटुंबकम के विचार को सम्मेलन शुरू होने के पूर्व प्रचारित करते हुए कहा है कि पूरी दुनिया एक परिवार है। यह ऐसा सर्वव्यापी और सर्वकालिक दृष्टिकोण है, जो हमे एक सार्वभौमिक परिवार के रूप में प्रगति करने के लिए प्रोत्साहित करता है। एक ऐसा परिवार जिसमें मीमा, भाषा और विचारधारा का कोई बंधन नहीं है।
वहीं गौरफरमाया जाए उदयनिधि के उस बयान पर तो उसके हर शब्द को देखते हुए ये समझ आता है कि उन्होंने केवल विरोध के लिए सनातन नाम का एक शब्द सुना है और टारगेट के लिए उसे ही चुन लिया है। उनकी पार्टी की जो विचारधारा है वह इसी विरोध पर ही आधारित है। लेकिन देखा जाए तो सच्चाई ये हैं कि उदयनीधि ने सनातन को समझा ही नहीं है। तो वहीं एक वो इंसान है जो इस धरती का तो है लेकिन इस देश का नहीं पर उस इंसान को हिंदू होने पर गर्व है, भारतीय जड़ों पर गर्व है और वो गर्व से कहता है कि मैं एक गौरवान्वित हिंदू हूं। ये बोल किसी और के नहीं बल्कि ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक के हैं।
हिंदू धर्म के सवाल पर ऋषि सुनक का जवाब
एक इंटव्यू के दौरान प्रधानमंत्री ऋषि सुनक से हिंदू धर्म को लेकर सवाल किया गया। जिस दौरान उन्होंने कहा कि मुझे हिंदू होने पर गर्व है। अपनी भारतीय जड़ो पर हम गर्व महसूस करते हैं। उन्होंने आगे कहा कि भारत को वैश्विक नेतृत्व करते देखना अद्भुत है। मेरी पत्नी भारतीय हैं, मैं एक गौरवान्वित हिंदू हूं। मेरा भारत से गहरा लगाव है। इतना ही नहीं बल्कि पीएम मोदी ने भारत मंडपम में स्वागत वाली जगह पर कोणार्क का चक्र लगवाया। इस चक्र का निर्माण 13वीं शताब्दी में राजा नरसिम्हादेव-प्रथम के शासनकाल में किया गया था। इसका निर्माण ओडिशा के सूर्य मंदिर कराया गया था। इस चक्र को भारत की एक बड़ी सांस्कृतिक धरोहर माना जाता है। इसमें सबसे बड़ी बात ये है कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन आयोजन स्थल पर पहुंचे तो पीएम मोदी ने उन्हें भी कोणार्क चक्र का महत्व बताया। बाइडेन भी ध्यान से पीएम मोदी की बात सुनते नजर आए। हंसी आती है ये देखकर कि जिस भारत में हिंदू धर्म के लोग रह रहे है उन्हे अपने ही सनतान धर्म का ‘स’ तक का अर्थ नही पता। समझ नहीं आता की बारत के तमाम देश हिंदू को लेकर कई तरह की पहल कर रहे हैं। लेकिन सवाल ये है कि कुछ लोगों को हिंदू होने पर परेशानी क्यों है?
जानिए आखिर क्या है सनातन धर्म?
सनातन के साथ एक और शब्द “धर्म” हमेशा आपको जुड़ा मिलेगा। इसी वजह से यह विस्तृत सनझ वाला शब्द सिर्फ एक समुदाय की पहचान भर रहा जाता है। आव्वल तो हम धर्म का ही अर्थ गलत समझ लेते हैँ। संविधान की प्रस्तावना में भी पंथनिरपेक्षता दर्ज है। धर्म निरपेक्षता नहीं। यानि कि भारतीय संविधान किसी एक पंथ को नहीं मानता। लेकिन धर्म से तो कोई निरपेक्ष नहीं हो सकता। क्या धर्म से इतर होकर आप अधर्मी बनेंगे। इसलिए सनातन के साथ धर्म जुड़ा होना तो ठीक है, लेकिन इसमें हम धर्म का जो अर्थ समझ लेते हैं हमारी वह समझ गलत है।