संसद के विशेष सत्र का आज तीसरा दिन है। अब ऐसे में दोनों सदनों की कार्यवाही जारी है। वहीं लोकसभा में महिला आरक्षण बिल पर डिबेट शुरू हो गई है। सबसे पहले कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने सदन को बिल के बारे में बताया। उनके बाद कांग्रेस की ओर से सोनिया गांधी ने अपनी बात कही। कांग्रेस पार्टी की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने नई संसद में पहली बार भाषण दिया।
“नारी शक्ति वंदन अधिनियम 2023” के समर्थन में खड़ी हूं- सोनिया गांधी
बता दें कि उन्होंने महिला आरक्षण बिल को लेकर बात की। सोनिया गांधी ने कहा है कि मैं इस बिल के समर्थन में हूं। कांग्रेस की ओर से मैं “नारी शक्ति वंदन अधिनियम 2023” के समर्थन में खड़ी हूं। कांग्रेस की ओर से मैं “नारी शक्ति वंदन अधिनियम 2023” के समर्तन में खड़ी हूं। दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को महिला आरक्षण बिल को ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’ के तौर पर नया नाम दिया।
वहीं सोनिया गांधी ने अपने भाषण में कहा है कि भारतीय नारी ने सबकी भलाई के लिए काम किया है। स्त्री के धैर्य का अंदाजा लगाना बेहद ही मुश्किल भरा काम है। भारतीय महिलाओं ने कभी शिकायत नहीं की है। महिलाओं में समंदर की तरह धीरज होता है। भले ही सरकार की तरफ से इस बिल को पेश किया गया है, लेकिन कहीं नकहीं कांग्रेस इसका श्रेय लेने की कोशिश कर रही है। सोनिया ने भी अपने भाषण में इस बात का जिक्र किया।
राजीव गांधी का सपना था महिला आरक्षण बिला लाना
सोनिया गांधी ने आगे कहा कि महिला आरक्षण के लिए मेरे पति राजीव गांधी बिले लेकर आए थे, जो गिर गया था। कांग्रेस की मांग है कि बिल को फौरन अमल में लाया जाए। अगर इस बिल को लाने में देरी की जाती है, तो इसकी वजह से महिलाओं के साथ अन्याय होगा। उन्होंने आगे बताया कि ये बिल राजीव गांधी का सपना था। बाद में पीएम पीवी नरसिम्हा राव के नेतृत्व में कांग्रेस सरकार ने इसे पारित कराया। इसका नतीजा है कि स्थानीय स्तर पर हमारे पास 15 लाख चुनी हुई महिला नेता हैं।
SC/ST/OBC महिलाओं के भी आरक्षण की मांग का उठाया मुद्दा
सोनिया गांधी ने कहा कि कांग्रेस की मांग है कि इस बिल को अमल में लाया जाए। लेकिन इसके साथ ही जातीय जनगणना कराकर अनूसूचित जाति, अनूसूचित जनजाति और ओबीसी की महिलाओं को भी आरक्षण की व्यव्सथा की जाए। सरकार के इस कदम को उठाने के लिए जो जरूरत है, वो उस पर अमल करे। मैं मांग करती हूं कि नारी शक्ति वंदन अधिनियम के रास्ते में आने वाली सभी रुकावटों को दूर करते हुए उसे जल्द से जल्द लागू किया जाए।