India Reply To Pakistan UNGA: संयुक्त राष्ट्र महासभा में पाकिस्तान के दुष्प्रचार की भारत ने हवा निकाल दी है। पाकिस्तान के झूठे दावों पर राइट टू रिप्लाई के तहत जवाब देते हुए भारत ने पाकिस्तान (Pakistan) से साफ-साफ कहा कि अपने देश में अल्पसंख्यकों का दमन करने वाले पाकिस्तान को भारत के आंतरिक मामलों में बोलने का अधिकार नहीं है। भारत ने कहा कि पाकिस्तान दुनिया में आतंकियों का सबसे बड़ा सेफ हैवन है। मुंबई आतंकी हमले के गुनहगार 15 साल से आजाद घूम रहे हैं।
पाकिस्तान से फौरन 3 बड़े कदम उठाने को कहा…
दक्षिण एशिया में शांति के लिए भारत ने पाकिस्तान से फौरन 3 बड़े कदम उठाने को कहा है। भारत ने पाकिस्तान से कहा है कि वो फौरन सीमापार आतंकवाद बंद करे और आतंकी ढांचे को नष्ट करे। बता दें कि पाकिस्तान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री अनवारुल हक काकर ने शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा के 78वें सत्र को संबोधित करते हुए एक बार फिर कश्मीर राग अलापा। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र से कश्मीर पर प्रस्ताव पास करने और वहां मिलिट्री हस्तक्षेप की मांग की।
पाकिस्तान को हमारे आंतरिक मामलों में बोलने का कोई अधिकार नहीं- पेटल गहलोट
वहीं संयुक्त राष्ट्र में भारत की फसर्ट सेक्रेटरी पेटल गहलोट ने पाकिस्तान को खरी-खरी सुनते हुए कहा कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है, पाकिस्तान को हमारे आंतरिक मामलों में बोलने का कोई अधिकार नहीं। राइट टू रिप्लाई के अधिकार का इस्तेमाल करते हुए पेटल गहलोत ने कहा, “पाकिस्तान जब दूसरों के आंतरिक मामलों में झांक रहा है तो उसे अपने देश में घोर मानवाधिकार उल्लंघनों को पहले देखे और इसे तुरंत बंद करना चाहिए।
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पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी संगठनों का गढ़ है
पाकिस्तान को आईना दिखाते हुए गहलोत ने कहा कि आपको मुबंई हमले के आतंकवादी पर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिऐ जिसके पीड़ित 15 सालों बाद भी न्याय का इंतजार कर रहे हैं। पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी संगठनों का गढ़ है। उन्होंने पाकिस्तान पाकिस्तान को आतंकवादियों के लिए सेफ हेवन बनाया है। पाकिस्तान में मानवाधिकार उल्लंघन का रिकॉर्ड दुनिया में सबसे ख़राब होने की बात करते हुए पेटल ने कहा, “दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र पर उंगली उठाने का अधिकार किसी को नहीं है।
संयुक्त राष्ट्र फोरम का दुरुपयोग करने का आदि पाकिस्तान हो चुका है। वह बार-बार इस वैश्विक मंच का गलत इस्तेमाल भारत के खिलाफ करता है. बार-बार भारत के खिलाफ बेबुनियाद आरोप सिर्फ इसलिए लगता है ताकि पाकिस्तान में धड़ल्ले से हो रहे मानवाधिकारों के उल्लंघन पर दुनिया की नजर न जाए। इस मामले में पाकिस्तान का रिकॉर्ड बहुत खराब है़।