लखनऊ। यूपी की बीजेपी सरकार ने 1990 बैच के आईपीएस प्रशांत कुमार को बड़ी जिम्मेदारी दी है. दरअसल प्रशांत कुमार को यूपी का नया कार्यवाहक डीजीपी नियुक्त किया गया है. इससे पहले प्रशांत कुमार डीजीपी लॉ एंड ऑर्डर थे.
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डीजीपी लॉ एंड ऑर्डर पद से मिली थी ख्याति
31 जनवरी को 1988 बैच के आईपीएस विजय कुमार यूपी के कार्यवाहक डीजीपी पद से रिटायर हुए थे. उनकी जगह 1990 बैच के प्रशांत कुमार को इस पद पर नियुक्त किया गया है. प्रशांत कुमार के पिता का नाम ललन प्रसाद है. ये बिहार के सीवान जिले से आते हैं. प्रशांत कुमार के कार्यकाल में प्रदेश के कुख्यात अपराधियों और माफियाओं का खात्मा हुआ है. पिछले साह ही इनको डीजी रैंक के लिए प्रमोट किया गया था. खास बात ये है कि आईपीएस प्रशांत कुमार की पत्नी डिंपल वर्मा भी आईएएस अधिकारी हैं. फिलहाल डिंपल वर्मा प्रदेश के रेरा में सदस्य के तौर पर कार्यरत हैं.
राष्ट्रपति से 4 बार मिल चुका है वीरता पुरस्कार
बता दें कि यूपी डीजीपी लॉ एंड ऑर्डर पद पर कार्यरत रहते हुए इन्होंने कई आईपीएस प्रशांत कुमार ने कई बहादुरी के काम किए हैं. इनके बहादुरी का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि इनको 4 बार राष्ट्रपति से वीरता के लिए पुलिस पदक प्राप्त हो चुका है. इनको साल 2020, 2021, 2022 और 2023 में राष्ट्रपति से वीरता पुरस्कार प्राप्त हो चुका है.
2017 के डॉक्टर अपहरण केस से मिली थी प्रसिद्धी
आईपीएस प्रशांत कुमार को साल 2017 की एक चर्चित अपहरण के मामले में प्रसिद्धी मिली थी. दरअसल एडीजी जोन मेरठ के पद पर कार्यरत प्रशांत कुमार ने कैंसर हास्पिटल के चिकित्सक डॉ श्रीकांत गौड़ के अपहरण केस को सुलझाया था. अपहरण के बाद अपराधियों ने 5 करोड़ रुपए की फरौती मांगी थी, तब तत्कालीन एडीजी जोन प्रशांत कुमार दिल्ली टीम के साथ उच्च कोटि का समन्वय स्थापित करके डॉ को बचाया था. 19 जुलाई 2017 को जब मेरठ में कांवड़ मेला चल रहा था, तब एक बहादुरी भरे मुठभेड़ में डॉ. श्रीकांत गौड़ को सकुशल बरामद कर लिया गया. इस दौरान अपराधियों के कब्जे से एक अवैध पिस्टल, एक पौनिया राइफल और जिंदा कारतूस भी बरामद किया गया था.