बेटियों को आपने ने केंद्र में , राज्य में या फिर, जिला स्तर पर सियासत को संभालते देखा है…लेकिन ये सुनना कितान शानदार लगेगा कि अब बेटियों को गांव में हुकूमत की बागड़ोर भी सौंप दी गई है…
दरअसल ये खबर मध्य प्रदेश के उज्जैन से सामने आई है…जहां चिंतामन जवासिया के लोगों ने महज 21 साल की लक्षिता डागर को गांव के मुखिया के रुप में स्वीकार किया है…लक्षिता ने 8 उम्मीदवारों को शिकस्त देकर 487 मतों से सरपंच पद का चुनाव जीत हांसिल की है…उसके जन्मदिन के अवसर पर लक्षिता को ये तोफहा मिला …हालांकि राज्य आयोग ने अभी तक जीत का प्रमाण पत्र नहीं दिया है..
लक्षिता उज्जैन के भारतीय इंस्टिटयूट ऑफ प्रोफेशनल स्टडीज में मीडिया की छात्रा रह चुकी है…वो एक स्थानीय न्यूज चैनल में एंकरिंग भी करती है..साथ ही जिले के कम्युनिटी रेडियों ‘ रेडियों दस्तक ’ 90.8 FM में RJ की भुमिका निभाती है… अब सरपंद पद की जिम्मेदारी के बाद गांव के मुदों पर ध्यान देंगी..
इस सुनहरे अवसर पर लक्षिता ने कहा पूरा गांव से मुझे इतना प्यार और आशीर्वाद मिला जिसके लिए मैं सभी का शुक्रिया करती हूं…मैं इस प्यार और आशीर्वाद के लिए आभारी हूं..और ये एहसान में गांव का विकास कर के चुकाऊगीं…उसने कहा कि किसानों की फसलें अक्सर जंगली जनवार..तो कभी बारिश या ओलो से खराब हो जाती है… ऐसे में अगर किसानों का ऋण माफ करवा पांऊ तो खुशी होगी… उसने कहा कि हर समस्या सुनी जाएगी और समाधान भी होगा..