नई दिल्ली: 90 के दशक की एक ऐसी एक्ट्रेस, जो काफी कम समय में फिल्म इंडस्ट्री की ऊंचाइयों को छूती जा रही थी। दिव्या भारती (Divya Bharti) एक ऐसा नाम जो उन दिनों हर एक शख्स की जुबान पर रहता था। दिव्या भारती की गिनती 90 के दशक में टॉप एक्ट्रेस में हुआ करती थी। उन दिनों हिंदी सिनेमा में एक्ट्रेस श्रीदेवी का भी काफी बोलबाला था। फिल्म इंडस्ट्री में श्रीदेवी के होते हुए अपना नाम चमकाना दिव्या भारती के लिए आसान नहीं था।
वह कुछ हद तक श्रीदेवी की तरह दिखती थीं, जिसकी वजह से उन्हें कई लोग उनकी बहन भी कहा करते थे। इसके अलावा दिव्या भारती (Divya Bharti) श्रीदेवी की काफी अच्छी नकल भी किया करती थी। महज 19 साल की उम्र में दिव्या भारती का यूं चले जाना किसी को रास नहीं आया था।
अपनी मौत के 31 साल बाद एक बार फिर से ये एक्ट्रेस चर्चा में आ गई हैं और इसकी वजह हैं उनके को स्टार रहे कमल सदाना। दरअसल, हाल ही में कमल सदाना ने एक इंटरव्यू के दौरान बताया, कि उन्हें नहीं लगता कि दिव्या ने सुसाइड किया था। इस दौरान कमल सदाना ने अपनी लाइफ से जुड़ी कई बातों के बारे में भी बताया।
इसके अलावा एक्टर ने दिव्या भारती (Divya Bharti) की मौत को लेकर भी कई बातें बताई। कमल सदाना ने बताया, वो पल उनके लिए बेहद दुख भरा रहा था। वो काफी टैलेंटेड एक्ट्रेस थीं। उनकी कंपनी और उनके साथ काम करने में काफी मजा आता था। वो खुशमिजाजी और मजाक मस्ती करने वाली थी। इसके अलावा वो काफी हिम्मती भी थी। दिव्या श्रीदेवी की बहुत अच्छी नकल करती थीं। मुझे अभी भी उसकी मौत पर यकीन नहीं हो रहा है। ये मेरे लिए बहुत चौंकाने वाली ख़बर थी। हमने उनकी मौत से दो-तीन दिन पहले एक साथ शूटिंग पूरी की थी। जब किसी ने मुझे फोन किया और दिव्या की मौत के बारे में बताया, तो मुझे विश्वास नहीं हुआ और मैं उस व्यक्ति से पूछ रहा था कि यह कैसे संभव है।
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कमल का कहना है कि उनकी हत्या की खबर झूठी है। दिव्या और कमल ने फिल्म रंग में साथ काम किया था। ये फिल्म एक्ट्रेस की मौत के बाद साल 1993 में रिलीज हुई थी। 5 अप्रैल 1993 को दिव्या की मौत हो गई थी। बेटी की मौत के बाद दिव्या के पिता ने कहा था कि आत्महत्या या हत्या का कोई सवाल ही नहीं है। उसने बहुत ज्यादा शराब पी रखी थी। जो हुआ वह एक दुर्घटना थी। वह बालकनी के किनारे पर बैठी। अपना संतुलन खो दी और गिर गई। अफसोस है कि उस फ्लैट को छोड़कर सभी फ्लैटों में बालकनी की ग्रिलें थीं। पार्किंग में बालकनी के नीचे हमेशा गाड़ियां खड़ी रहती थीं, लेकिन उस रात वहां एक भी गाड़ियां नहीं थीं और वह सीधे ज़मीन पर गिर गईं।