क्या आपने मरे हुए इंसान को कभी बोलते हुए देखा, सुना या पढ़ा है। यूपी के संभल जिले में एक ऐसा ही मामला सामने आया है जो आपकी मानवीय संवेदनाओं को झकझोर कर देगा। जहां मरा हुआ शख्स कहता है कि साहब मैं जिंदा हूं। दरअसल सगे भाई ने ही जीवित भाई का फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाकर उसे मृत घोषित कर दिया। 2 लाख की बीमा धनराशि हड़पने के लिए सगे भाई ने ही ये साजिस रच डाली।
जिसके बाद पीड़ित खुद के ही जीवित साबित करने के लिए लड़ रहा है। वह हाथ में पर्ची लेकर कह रहा है कि साहब मैं जिंदा हूं। पीड़ित अधिकारियों के दफ्तरों के चक्कर काट रहा है। साथ ही कह रहा है कि मेरे भाई ने मेरे साथ साजिश रची है। सगे भाई ने फर्जी कागजात बनाकर मृतक दिखाया फिर मेरी जमीन हड़प ली।
आरोपी समेत 3 लोगों के खिलाफ केस दर्ज
आपको हम बता दें दरअसल मृतक किसान के नाम प्रधानमंत्री किसान योजना के ₹200000 चेक आने का खुलासा हुआ है।ये मामला यूपी के जनपद संभल में थाना हयातनगर के मुजफ्फरपुर गांव का है। पुलिस ने कोर्ट के आदेश पर आरोपी समेत 3 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है। फिलहाल पीड़ित शख्स अब खुद को जीवित साबित करने के लिए हाथ में तख्ती लेकर ” साहब ने जिंदा हूं ” सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहा है ।
पीड़ित ने आरोप लगाया है कि उसके सगे भाई ने एक साजिश के तहत बैंक शाखा में उसका खाता खुलवाने के बाद खुद को नॉमिनी दर्शाकर उसका फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र लगाकर प्रधान मंत्री जीवन बीमा की 2 लाख की धनराशि हड़प ली ।
6 बीघा जमीन भी अपने नाम दर्ज करा ली
वहीं उसके फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र के जरिए फर्जीवाड़ा पर उसकी 6 बीघा खेती की जमीन भी अपने नाम दर्ज करा ली। जब उसने फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनवा कर दो लाख की बीमा धनराशि और 6 बीघा जमीन हड़पे जाने का विरोध किया तो उसके भाई ने और उसके परिवार के लोगों द्वारा उसके साथ जमकर मारपीट की गई ।
पीड़ित ने अपने भाई के खिलाफ कार्रवाई के लिए रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए हयात नगर थाने में जाकर गुहार लगाई लेकिन हयात नगर थाने की पुलिस ने मृत की शिकायत को गंभीरता से नहीं लिया ।
पीड़ित ने कोर्ट में लगाई गुहार
जिसके बाद पीड़ित ने अपने बड़े भाई के खिलाफ केस दर्ज कराने के लिए कोर्ट से गुहार लगाई थी। कोर्ट ने पीड़ित की याचिका पर सुनवाई करते हुए हयात नगर थाने की पुलिस को मुख्य आरोपी समेत तीन लोगों के खिलाफ केस दर्ज करने और मामले की जांच कर सख्त कार्रवाई के आदेश दिए हैं ।
फिलहाल पीड़ित ने सरकारी अभिलेखों में स्वयं को जीवित साबित करने के लिए तहसील और सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहा है ।
ये भी पढ़े-UP बनेगा 1 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी वाला राज्य, ‘ब्रांड यूपी’ पर योगी सरकार का फोकस