वाराणसी के श्रृंगार गौरी-ज्ञानवापी मामले में आज जिला कोर्ट में सुनवाई की जाएगी। आपको बता दें कि श्रृंगार गौरी के नियमित दर्शन और विग्रहों की सुरक्षा को लेकर याचिका दर्ज की गई है। वहीं जिला अदालत के फैसले से पहले वाराणसी में निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है और सुरक्षा व्यवस्था भी बढ़ा दी गई है। क्योंकि यह मामला बेहद संवेदनशील है। हालांकि इस केस में
मुस्लिम पक्ष ने दी थी दलीलें

न्यायाधीश अजय कृष्ण ने 24 अगस्त को आदेश सुरक्षित रख लिया था और 12 सितंबर को फैसला सुनाने का ऐलान किया था। लेकिन सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद 23 मई से जिला कोर्ट में सुनवाई चल रही है। जिसमें इस बात पर सुनवाई चल रही है कि नागरिक प्रक्रिया संहिता सीपीसी के आदेश 7 नियम 11 के तहत ये केस सुनने योग्य है या नहीं। वहीं पिछली सुनवाई में मुस्लिम पक्ष ने दलीलें दी थीं।
इसी बीच रविवार को पुलिस आयुक्त ए सतीश गणेश ने बताया कि वाराणसी कमिश्नरेट में धारा 144 लागू कर दी गई है। अधिकारियों को अपने-अपने इलाकों में धर्म गुरुओं से बातचीत करने के कहा गया है ताकि शांति बनी रहे।

संवेदनशील इलाकों में फ्लैग मार्च के निर्देश
उन्होंने कहा कि कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए पूरे शहर को सेक्टर्स में बांटा गया है। जिन्हें जरूरत के मुताबिक पुलिस बल आवंटित किया गया है। साथ ही संवेदनशील इलाकों में फ्लैग मार्च और पैदल मार्च करने के भी निर्देश जारी किए गए हैं। जिले के सीमावर्ती इलाकों, होटलों और गेस्ट हाउसों में चेकिंग तेज कर दी गई है। सोशल मीडिया पर भी नजर रखी जा रही है। इसके साथ ही फुट पेट्रोलिंग की जाएगी।
वहीं सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए PRV और QRT की टीमें सेंसिटिव पॉइंट्स पर लगाई जाएंगी। इंटर डिस्ट्रिक्ट बॉर्डर, होटल, धर्मशाला और गेस्ट हाउस की चेकिंग होगी।
मंदिर तोड़कर मस्जिद का दावा

आपको बता दें कि पांच हिंदू महिलाओं ने जिला कोर्ट में दावा करते हुए याचिका दायर की थी। उन्होंने कहा था कि उनके धर्म की मूर्तियां ज्ञानवापी मस्जिद की बाहरी दीवार पर स्थित हैं। इसके साथ ही उन्होंने हिंदू देवी-देवताओं की दैनिक पूजा की अनुमति मांगी थी। इस पर अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी ने कहा है कि ज्ञानवापी मस्जिद एक वक्फ संपत्ति है। उसने याचिका की सुनवाई पर सवाल उठाया है.
वहीं हिंदू पक्ष के वकील मदन मोहन यादव ने कहा था कि मंदिर को तोड़कर मस्जिद का निर्माण किया गया है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद जिला अदालत इस मामले की सुनवाई कर रही है। इससे पहले एक निचली अदालत ने परिसर के वीडियोग्राफी सर्वेक्षण का आदेश दिया था। 16 मई को सर्वे का काम पूरा हुआ। जिसके बाद 19 मई को कोर्ट में रिपोर्ट पेश की गई थी।