Dehradun: देहरादून अस्पताल के एक डॉक्टर ने ब्लड बैंक से प्लेटलेट्स गायब होने का गंभीर आरोप लगाया है. लेकिन प्राचार्य से शिकायत पर कॉलेज की आंतरिक जांच समिति ने जांच में लगे आरोपों को खारिज कर दिया. मामला सीएम हेल्पलाइन तक पहुंचने के बाद कॉलेज में हड़कंप मच गया है. प्राचार्य ने एम्स व अन्य कॉलेजों के विशेषज्ञों की टीम से एमएस डॉ. युसूफ रिजवी की अध्यक्षता में पूरे मामले की जांच के आदेश दिए हैं. ब्लड बैंक चिकित्सक डा. पीयूष सागर ने प्राचार्य को शिकायत की.
उनका कहना है कि उन्हें विगत दो अगस्त को सहस्रधारा रोड स्थित एक शिविर में भेजा गया था. शिकायत में उन्होंने एक निजी ब्लड बैंक में अव्यवस्था, अभद्रता एवं एक निजी ब्लड बैंक का बोर्ड लगने की शिकायत की. बताया जा रहा है कि 49 यूनिट ब्लड रक्तकोष भिजवाया. शाम 7.30 बजे कंपोनेंट और प्लेटलेट्स बनाने की समीक्षा की. अगले दिन, जहां 2 अगस्त को 34 प्लेटलेट्स स्टॉक में थे, तीन में केवल 19 प्लेटलेट्स उपलब्ध थे. रिकॉर्ड के मुताबिक 89 यूनिट प्लेटलेट्स होने चाहिए थे.
अस्पताल के ब्लड बैंक से प्लेटलेट्स गायब
उन्होंने बताया कि, 60 यूनिट प्लेटलेट्स कम थे. आरोप है कि पूर्व में भी इस तरह की बात सामने आई थी, कुछ डॉक्टरों से ब्लड बैंक प्रभारी ने पूछा, लेकिन जवाब नहीं दिया गया. शिकायत की कंपोनेंट बनाने की एंट्री रजिस्टर में नहीं थी, जबकि प्लेटलेट्स गायब होने का गंभीर आरोप लगाया. दून मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. आशुतोष सयाना ने बताया कि एचओडी डॉ. शशि उप्रेती की अध्यक्षता वाली कमेटी ने रिपोर्ट दी है, जिसकी सूचना सीएम हेल्पलाइन को दे दी गई है. आरोप बिल्कुल गलत हैं. शिकायत कुछ विवाद के कारण प्रतीत होती है. फिर भी, शिकायतकर्ता की संतुष्टि के लिए, एमएस को बाहरी एक्सपर्ट की एक समिति द्वारा जांच करने का आदेश दिया गया है.
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