हरदीप पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने संगरूर में भारत के सबसे बड़े जैव-ऊर्जा संयंत्र का उद्घाटन किया। इस दौरान केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस, आवास और शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी भी मौजूद रहे। मूनक के गांव भुटाल कलां में जर्मनी की वर्बियो कंपनी की द्वारा स्थापित एशिया का सबसे बड़ा बायो गैस प्लांट है। जिसमें रोजाना 300 टन पराली की मदद से 33 टन कंप्रेस्ड बायो गैस तैयार की जा रही है।
230 करोड़ रुपये में तैयार हुआ जैव-ऊर्जा संयंत्र
आपको बता दें कि पराली प्रबंधन को लेकर इस प्लांट की स्थापना 2016-17 दौरान हुई थी। इसके बाद 2020-21 में प्रोजेक्ट बनकर तैयार हो गया। फिलहाल करीब 20 करोड़ रुपये की लागत से तैयार इस प्लांट में इस वर्ष से पराली की मदद से सीबीजी गैस बनाई जा रही है। बता दें कि पहले ये ट्रायल के तौर पर चल रहा था। लेकिन अब उद्घाटन के बाद यह पूरी तरह से क्रियाशील हो जाएगा। ये जैव-ऊर्जा संयंत्र 230 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया गया है। यह 20 एकड़ में फैला हुआ है।
क्या हैं जैव-ऊर्जा संयंत्र की खासियत
यह संयंत्र 1,00,000 टन धान के भूसे की खपत करेगा। जिसे संयंत्र के 10 किलोमीटर के दायरे में छह-आठ उपग्रह स्थानों से खरीदा जाएगा। इस संयंत्र का वर्तमान उत्पादन लगभग छह टन प्रति दिन है। लेकिन केंद्रीय मंत्री ने घोषणा की है कि इसके उद्घाटन के बाद ही यह संयंत्र 300 टीपीडी धान के भूसे से सीबीजी के 33 टीपीडी का उत्पादन करेगा। उन्होंने कहा कि “संयंत्र प्रतिदिन लगभग 600-650 टन किण्वित जैविक खाद का उत्पादन करेगा, जिसका उपयोग जैविक खेती के लिए किया जा सकता है। सीबीजी संयंत्र 390 लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार और 585 लोगों को अप्रत्यक्ष रोजगार प्रदान करेगा”
स्वच्छ हवा में सांस लेंगे संगरूर के निवासी
वहीं केंद्रीय मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार सभी राज्य सरकारों को विकास कार्यों में मदद करने के लिए आवश्यक कदम उठा रही है। “संयंत्र 40,000-45,000 एकड़ में पराली जलाने को भी कम करेगा, जिससे सालाना 1,50,000 टन CO2 उत्सर्जन में कमी आएगी। यह सुनिश्चित करेगा कि संगरूर के निवासी स्वच्छ हवा में सांस लें। ” इसी बीच मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर ये संयंत्र सफल रहा तो वर्बियो समूह राज्य में इस तरह के 10 और संयंत्र स्थापित कर सकता है।
हमने भ्रष्टाचार को खत्म किया है
“यह पंजाब को स्वच्छ, हरा-भरा और प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए राज्य सरकार की प्रतिबद्धता के अनुरूप है। राज्य सरकार इस नेक काम में कोई कसर नहीं छोड़ेगी। हमने पराली जलाने की समस्या को कम करने के लिए कई कदम उठाए हैं। प्रति दिन 14.25 टन सीबीजी की कुल क्षमता की दो और परियोजनाएं 2022-23 में पूरी होने की संभावना है। ” वहीं सीएम मान ने पराली जलाने को रोकने के लिए किसानों से सहयोग मांगा।
उन्होंने कहा कि “हमारे प्रयासों से हमने भ्रष्टाचार को खत्म किया है और हमें उम्मीद है कि ऐसी और अंतरराष्ट्रीय कंपनियां पंजाब में निवेश करेंगी। पहले कंपनियों को विभिन्न शासनों से समस्याओं का सामना करना पड़ता था, लेकिन हमारी सरकार अनुकूल माहौल प्रदान करती रही है।”
ये भी पढ़े- आर्यन खान को जानबूझकर फंसा रहे थे NCB अधिकारी, विजिलेंस कमेटी की रिपोर्ट में हुआ ये बड़ा खुलासा