दिवाली के बाद दिल्ली एनसीआर की हवा प्रदूषण के कारण जहरीली हो गई है। दिल्ली एनसीआर के अधिकतर इलाकों में एयर क्वालिटी इंडेक्स 300 का आकड़ा पार कर चुका है। कुछ कई इलाके तो ऐसे भी हैं जहां पर प्रदूषण स्तर 400 के पार पहुंच गया है। एनसीआर की हवा में लगातार प्रदूषण घुल रहा है। इसके कारण लोगों को सांस लेने में परेशानी, आंखों में जलन जैसी कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। प्रदूषण से क्या नुकसान होते हैं प्रदूषण से कैसे एतिहात रखनी है आदि को लेकर हमने वरिष्ठ चिकित्सक प्रोफेसर डॉक्टर बीपी त्यागी से बातचीत की।
मौजूदा समय में प्रदूषण के क्या कारक हैं
वरिष्ठ चिकित्सक प्रोफेसर डॉ बीपी त्यागी ने बताया कि मौजूदा समय में प्रदूषण के कई कारक हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली एनसीआर में वाहनों की अधिक संख्या, औद्योगिक इकाइयों से निकलने वाला प्रदूषण, दिल्ली एन सी आर में कंस्ट्रक्शन वर्क का अधिक होना, आसपास के राज्यों में जलाई जा रही पराली, ज़्यादा बिजलीका इस्तेमाल करना आदि प्रदूषण के मुख्य कारक है। दिवाली आतिशबाजी से भी प्रदूषण का स्तर बढ़ गया है। लेकिन यह कहना ठीक नहीं होगा कि दिवाली आतिशबाजी से ही प्रदुषण बढ़ा है। क्योंकि प्रदूषण बढ़ने के पीछे कई मुख्य कारण है। उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में हवा की सुस्त रफ्तार के चलते प्रदूषण छठ नहीं रहा है।
एक सिगरेट जीवन के 11 मिनट हमसे छीन लेती है
प्रोफेसर डॉ बी पी त्यागी आगे कहते है कि पीएम 2.5 और पीएम 10 के बढ़ने के कारण प्रदूषण बढ़ता है। प्रदूषण के चलते लोगों को Sinusitis और Bronchial Asthma, Bronchitis, bronchiectesis, जैसी बिमारियों से झूझना पड़ता है| लंबे समय तक प्रदूषित हवा में सांस लेने के कारण अस्थमा का खतरा मंडराने लगता है। ऐसे में एयर क्वालिटी इंडेक्स 400 से अधिक होना लोगों के लिए खतनाक साबित हो सकता है। उन्होंने बताया कि प्रदूषित हवा में सांस लेना 33 सिगरेट पीने के बराबर है। यदि कोई व्यक्ति दिनभर प्रदूषित हवा में लेता है तो इसका मतलब है कि उसने 33 सिगरेट जितना धुआं इन्हेल किया है और एक सिगरेट जीवन के 11 मिनट हमसे छीन लेती है ।
multi-layer गीले कपड़े का मास्क लगाया
डॉ त्यागी ने बताया कि इस समय मास्क लगाकर प्रदुषण से बचा जा सकता है। यदि multi-layer गीले कपड़े का मास्क लगाया जाए तो प्रदूषण से काफी हद सुरक्षित रह सकते है। घर के अंदर भी प्रदूषण मौजूद होता है। ऐसे में एयर फिल्टर का प्रयोग कर प्रदूषण को कम किया जा सकता है। जो लोग फ़िल्टर नहीं ख़रीद पाते वे रबर, नागफनी,ऐलोवेरा के पौधे घर में लगा सकते है। वैसे तो इंडोर पोल्यूशन के लियेपहले से स्वास्थ संबंधित समस्याओं से जूझ रहे हैं उन्हें विशेष तौर पर सतर्क रहने की जरूरत है।
इन चिजों का सेवन करें
उन्होंने बताया कि ये प्रदूषण छोटे बच्चों और बुजुर्गों के लिए बेहद खतरनाक है। इसलिए छोटे बच्चों को स्कूल जाते समय और बुजुर्गों को घर से बाहर निकलते वक्त काफी एहतियात बरतने की जरूरत है। ज्यादा जरूरी नहीं तो घर पर ही रहे। जरूरत होने पर घर से निकले। दूध में हल्दी मिलाकर पीने से प्रदुषण के असर को कम किया जा सकता है। पानी में नींबू, पुदीना, अदरक आदि मिलाकर भी पी सकते हैं।
बादाम, पाइन एप्पल, कीवी, अनार व गुड में अधिक मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट होते है इसलिए इन्हें खा कर भी प्रदुषण के असर को कम किया जा सकता है।