उत्तर प्रदेश: स्वच्छता को लेकर जगह-जगह कैंप चलाए जाते हैं. लेकिन भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (National Highways Authority of India) खुलेआम एनजीटी (NGT) की धज्जियां उड़ा रहा है. पिछले महीने से मरम्मत का काम कर रहे गोमती नदी पुल का ज्यादातर मलबा नदी में ही फेंका जा रहा है. बचा हुआ मलबा नदी में फेंकते हुए वीडियो वायरल हुआ तो हड़कंप मच गया.
जिसके बाद वायरल वीडियो का संज्ञान लेते हुए डीएम ने सीआरओ को जांच के लिए भेज दिया है. दरअसल मामला गोसाईंगंज थानाक्षेत्र के टाटिया नगर का है. अयोध्या-प्रयागराज बाईपास पर टटिया नगर और ओडरा गांव के बीच गोमती पर एक पुल भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा बनाया गया था, लेकिन कुछ समय पहले पुल इतना जर्जर हो गया था कि कोई भी बड़ा हादसा हो सकता था.
इसलिए जिला प्रशासन ने एनएचएआई (NHAI) से इस पुल की मरम्मत करने के लिेए आदेश दिए. हालांकि दोनों ओर से यातायात ठप होने के बाद करीब एक माह से गोमती पुल पर मरम्मत का काम किया जा रहा है. पुल पर मरम्मत के दौरान एनएचएआई (National Highways Authority of India) और निर्माण एजेंसी ने एनजीटी के नियमों की धज्जियां उड़ा दीं. आलम यह था कि पुल की सड़क से जो भी मलबा निकलता था, उसे ऊपर से गोमती नदी में प्रवाहित कर दिया जाता था.
DM ने सीआरओ को दिए जांच के निर्देश
नदी में लगातार फेंके जा रहे मलबे को लेकर स्थानीय लोगों ने आपत्ति जताई लेकिन उससे भी एनएचएआई और निर्माण एजेंसी को कोई फर्क नहीं पड़ा. तभी कुछ लोगों ने इसका वीडियो बनाकर वायरल कर दिया. वीडियो जिलाधिकारी के पास पहुंचा तो उन्होंने सीआरओ शमशाद हुसैन को जांच के लिए भेजा. मौके पर एनएचएआई के पीडी और निर्माण एजेंसी के एमडी को सख्त हिदायत दी गई, तो उन्होंने कहा कि अब से गोमती नदी में मलबा या अवशेष न फेंका जाए. फेंके गए मलबे को जेसीबी से निकलवाने के निर्देश दिए.
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