केंद्रीय ग्रह मंत्री अमित शाह ने न्यूज एजेंसी एएनआई को दिए अपने इंटरव्यू में जी-20 से लेकर आगामी विधानसभा व लोकसभा चुनाव और आतंकवाद पर नकेल कसने से लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लिए गए निर्णायक फैसलों पर चर्चा की। उन्होंने अपने इंटरव्यू में कहा कि उत्तर-पूर्व और भारत के बाकी के राज्यों के बीच जो मन की दूरी थी उसे प्रधानमंत्री ने अपने निर्णायक कदमों से समाप्त कर दिया है। आज उत्तर-पूर्व के लोगों को मन से लगता है कि देश के बाकी इलाकों में भी उनका सम्मान है। जब अन्य राज्यों से लोग उत्तर-पूर्व में जाते हैं तो वहां उनका सम्मान किया जाता है।
त्रिपुरा में क्यों दिया ‘चलो पलटाई’ का नारा
वहीं शाह ने त्रिपुरा चुनाव पर ANI से बात करते हुए कहा कि हमने ‘चलो पलटाई’ का नारा त्रिपुरा की स्थिति बदलने के लिए दिया था और आज हमने स्थिति को बदला भी दिया है। हमने बजट अच्छा करने के साथ ही हिंसा को समाप्त किया। नशे के कारोबार पर कठोरता से नकेल कसी है।
उन्होंने कहा कि PFI कैडर पर कई मामले थे कांग्रेस ने जिन्हें समाप्त करने का काम किया, जिसे कोर्ट ने रोका। हमने PFI को सफलतापूर्वक बैन किया। क्योंकि PFI देश में धर्मांधता और कट्टरता बढ़ाने वाला संगठन था। वे लोग एक प्रकार से आतंकवाद की सामग्री तैयार करने का काम कर रहे थे।
BJP के लिए डरने लायक…
शाह ने अडानी से जुड़े मुद्दे पर भी बात की। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने मामले का संज्ञान लिया है। कैबिनेट का सदस्य होने के नाते इस समय इस मुद्दे पर मेरा कुछ भी बोलना सही नहीं होगा। परन्तु इसमें बीजेपी के लिए कुछ छुपाने के लिए नहीं है और न ही हमें किसी बात से डरने की जरूरत है।
2024 में कोई मुकाबला नहीं
वहीं आगामी लोकसभा चुनाव पर केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि 2024 में कोई स्पर्धा नहीं है। देश एकतरफा मोदी के साथ आगे बढ़ रहा है। देश की जनता को तय करना है। अभी तक तो लोकसभा में मुख्य विपक्षी पार्टी का लेबल जनता ने किसी को नहीं दिया है।
भारत G-20 की अध्यक्षता कर रहा है ऐसा में शाह से इसके बारे में सवाल पूछा जाना लाजमी था। जिसके जवाब नें उन्होंने कहा कि अगर मोदी जी के समय में G-20 का नेतृत्व भारत को मिला है और G-20 यशस्वी तरीके से संपन्न होता है तो इसका यश मोदी जी को मिलना ही चाहिए। क्यों न मिले? अगर प्रोडक्ट अच्छा है तो उसे गाजे बाजे के साथ मार्केट करना ही चाहिए। PM मोदी का काम देश और दुनिया के सामने गौरव के साथ रखा जाना चाहिए। क्योंकि ये पूरे भारत का गौरव है।
संसद में एक्सपंज(अमर्यादित टिप्पणियों को रिकॉर्ड से हटा देना) पर ग्रह मंत्री बोले कि पहली बार एक्सपंज नहीं हुआ है। संसद की कार्यवाही एक्सपंज वाक्यों से भरी हुई है। संसद में नियमों के हिसाब से बहस करनी होती है। संसदीय भाषा में बात करनी होती है।