राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पिछले दो दिनों के भीतर यमुना नदी का जलस्तर कम जरूर हुआ है, लेकिन दिल्लीवासियों को अभी भी बाढ़ से राहत नहीं मिल पाई है। बता दें कि यमुना अब भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है और दिल्ली के कई इलाके इस समय जलमग्न हैलेकिन इस बीच अहर बारिश हुई तो हो सकता बाढ़ का खतरा और दिल्ली में बढ़ जाए। अगर बात करें दिल्ली के खासकर निचले इलाकों की तो वहां बिल्कुल बाढ़ जैसे हालात बने हुए हैं। लोगों के घरों में पानी घुस गया है और सड़के पानी से लबालब हैं। आलम तो यह है कि राहत व बचाव कार्य के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल यानी एनडीआरएफ को लगाया गया है। यमुना में जारी उफान के चलते शनिवार देर रात तक एनडीआरएफ की टीमें प्रगति मैदान में अपने अभियान में जुटी हुई हैं।
दिल्ली के कई स्थानों पर हुई भारी बारिश
वहीं आज सुबह से कई स्थानों पर भारी ट्रैफिक जाम और जलभराव देखा गया है, जबकि आईटीओ और राजघाट सहित शहर के प्रमुख इलाके जलमग्न रहे। हालांकि, देर शाम हुई बारिश के बावजूद यमुना का जलस्तर में गिरावट का रुख बना हुआ है। दिल्ली एमसीआर में कल शाम तेज बारिश हुई। इसके चलते फिर कई ईलाकतों में पानी भर गया। मौसम विभाग के मुताबिक दिल्ली में कल शाम तीन घंटे के दौरान 11 मिमि बारिश हुई है। आज सुबह से भी दिल्ली के कई इलाकों में घने बादल छाए हैँ। आज भी बारिश हुई तो दिल्लीू में यमुना के किनारे के इलाकों में आई बाढ़ का रूप और विकराल हो सकता है। आज सुबह भी यहां के कई इलाके बाढ़ से प्रभावित हैं। यमुना का जलस्तर अब 206.08 मीटर है। जो कुछ दिन पहले के अपने सबसे ऊंचे स्तर से क़रीब ढाई मीटर नीचे है।
प्रभावित इलाकों में एमडीआरएफ की टीेमें तैनात
लेकिन अब भी नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। आपको बता दें कि यमुना में खतरें का स्तर 205.33 मीटर है। वहीं यहां के यमुना बाजार, आईटीओ, लाल किले, कशमीरी गेट के आसपास के इलाकों में पानी भरा है। प्रभावित इलाकों में एमडीआरएफ की 16 टीमें तैनात हैं। NDRF की टीमों ने दिल्ली में अब तक 1500 से ज़्यादा लोगों को बचाया है। साथ ही 6,000 से ज़्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया है। ITO के पास यमुना ब्रिज के जाम हुए गेट को खोलने की कोशिश की जा रही है। इसमें सेना और नेवी मदद कर रही है।