लखनऊ। आज के समय में कई युवा अपने माता-पिता का ध्यान नही रखते, इसको लेकर अब यूपी में माता-पिता को परेशान किए जाने पर उनके बच्चों को संपत्ति से हाथ धोना पड़ सकता है। इसके लिए योगी सरकार नया नियम बनाने जा रही है। जिसके बाद बुजुर्ग मां-बाप ऐसे संतानों को जो उनका ख्याल नहीं रखते हैं, उन्हें अपनी संपत्ति से बेदखल कर सकते हैं। बच्चों को संपत्ति से बेदखल कराने में पुलिस भी बुजुर्ग की सहायता करेगी। यूपी में योगी सरकार बुजुर्ग माता-पिता को परेशान करने वाले संतानों के लिए संपत्ति के अधिकार से जुड़े नियमों में संशोधन करने का विचार कर रही है।
30 दिन के अंदर संपत्ति से बेदखल करने का प्रावधान
वृद्धों के लिए समाज कल्याण विभाग वकीलों से सलाह लेने के बाद इस नए नियमों को योगी आदित्यनाथ के समक्ष पेश कर देगा। इस प्रस्ताव में बुजुर्ग माता-पिता को परेशान करने वाले संतानों और रिश्तेदारों को संपत्ति से बेदखल करने की प्रक्रिया को और सरल बनाया जा रहा है। जिससे 30 दिन के अंतराल में संपत्ति से संतान को बेदखल किया जा सकेगा और इस काम में पुलिस बुजुर्गों के सहायक बनेंगे। जानकारी के मुताबिक यूपी में माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों का भरण पोषण और कल्याण नियमावली 2014 बनाई गई थी। यह केंद्र सरकार द्वारा माता-पिता और और वरिष्ठ नागरिकों के कल्याण अधिनियम 2007 पर आधारित है, जिसकी नियमावली 2014 में पेश की गई थी। इस नियम के उपरांत जिलाधिकारी की अध्यक्षता में भरण पोषण अधिकार का गठन किया गया है।
पुलिस करेगी बुजुर्गों की सहायता
इस प्रस्ताव के मुताबिक बुजुर्ग अपनी संपत्ति से संतानों को बेदखल करने के लिए अपना आवेदन दे सकते हैं। अगर आवेदन दे पाने में असमर्थ हैं तो किसी संस्था की ओर से आवेदन दाखिल करवाने का भी प्रावधान है। प्रधिकरण या ट्रिब्यूनल को यह अधिकार होगा कि वह बेदखल का आदेश जारी कर सके। इसके साथ ही यदि कोई व्यक्ति आदेश दिए जाने के बाद 30 दिनों के अंदर वरिष्ठ नागरिक की संपत्ति से खुद को बेदखल नहीं मानता है, तो अधिकरण या ट्रिब्यूनल बुजुर्गों को संपत्ति पर कब्जा दिलवाने में मदद करेगी।