भारतीय कुश्ती संघ के निलंबित अध्यक्ष संजय सिंह ने संघ के निलंबन को लकेर कहा कि वो फैसले को लेकर कोर्ट जाएंगे. कहा जा रहा है कि अध्यक्ष बनते ही उन्होंने जल्दबाजी में घोषणा की थी कि अंडर-15 और अंडर-12 महिला राष्ट्रीय प्रतियोगिताएं उत्तर प्रदेश के गोंडा में आयोजित की जाएगी. उनके फैसले के बाद सरकार ने नई कार्यकारिणी को निलंबित कर दिया.
नामांकित नहीं चयनित हुआ; सिंह
कुश्ती संघ के नई कार्यकारिणी के निलंबन के बाद IOA ने जांच के लिए एडहॉक कमेटी का गठन किया है. नई कमेटी को लेकर निलंबित अध्यक्ष संजय सिंह ने कहा ‘मैं इस एड हॉक कमेटी को स्वीकार नहीं करता क्योंकि WFI एक स्वायत्त संस्था है. मेरी अनुमति के बिना कोई ऐसा निर्णय नहीं ले सकते. मामले को लेकर मैं सरकार से बात करूंगा अगर सरकार हमारी बात नहीं सुनती है तो हम कोर्ट जाएंगे. और कानूनी राय लूंगा.मैं नामांकित नहीं हुआ हूँ, बल्कि चुनावी प्रक्रिया द्वारा चयनित हुआ हूँ.
24 दिसंबर को हुआ था निलंबन
बीते रविवार को सरकार ने खिलाड़ियों के प्रदर्शन के बाद केन्द्रीय खेल मंत्रालय ने भारतीय कुश्ती संघ के नई कार्यकारिणी को रद्द कर दिया था. और मामले के जांच के लिए मंत्रालय ने IOA को जिम्मेदारी सौंपी थी. जिसके बाद IOA ने एक एडहॉक कमेटी का गठन किया जो IOA को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी.
ये भी पढिए; अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम का गेम ओवर, जहर देकर मारने का हुआ प्रयास
क्या है एडहॉक कमेटी?
लैटिन भाषा में एडहॉक को मतलब होता है, ‘’इसके लिए’’और अंग्रेजी में इसका अर्थ होता है ‘’ केवल इस मकसद से’. एडहॉक कमेटी का मतलब है कि किसी खास मुद्दे को के समाधान के लिए बनाई गई अस्थायी कमेटी. जिसका मुख्य कार्य होता है कि खास सलाह और सुझाव देना. यह सुझाव कमेटी की स्थापना के मकसद, और कर्तव्य पर केंद्रित होना चाहिए.इस कमेटी में अलग अलग क्षेत्र के लोगों को शामिल किया जाता है.