नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने Adani-Hindenburg मामले मे SEBI के जांच में दखल देने से इंकार कर दिया और सेबी को जांच के लिए 3 महीने का और समय दिया है। कोर्ट ने कहा सेबी एक सक्षम एजेंसी है और उसने अभी तक 24 में 22 से मामले की जांच कर ली है। बाकी के जांच के लिए उसे समय दिया जा रहा है।
चीफ जस्टिस ने कहा कि सेबी के रेगुलेटरी फ्रेमवर्क में प्रवेश करने के लिए अदालत की शक्ति सीमित है। कोर्ट ने कहा कि सेबी ने 24 में से 22 मामलों की जांच पूरी कर ली है। हम सेबी को अन्य दो मामलों में 3 महीने के भीतर जांच पूरी करने का निर्देश देते हैं। जांच को ट्रांसफर करने के बात पर कोर्ट ने कहा OCCPR की रिपोर्ट को सेबी की जांच पर संदेह के तौर पर नहीं देखा जा सकता इसलिए इस जांच को सेबी से SIT को ट्रांसफर करने का कोई आधार नहीं है।
कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा था
Adani-Hindenburg मामले को लेकर पिछले साल 24 नवंबर को कोर्ट ने सुनवाई के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। मामले को लकेर उस वक्त कोर्ट ने कहा था हमें अमेरिकी कंपनी हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को तथ्यात्मक रूप से सही मानने की जरूरत नहीं है। औरहिंडनबर्ग यहां मौजूद नहीं है, इसलिए मामले की जांच के लिए हमने SEBI से जांच करने को कहा है। गौरतलब है कि 24 जनवरी 2023 को हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडाणी ग्रुप पर मनी लॉन्ड्रिंग से लेकर शेयर मैनिपुलेशन जैसे आरोप लगाए गए थे। इस मामले में दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए मामले की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट ने 6 सदस्यीय कमेटी बनाई थी। और मार्केट रेगुलेटर की जांच के लिए SEBI को निर्देश दिया था।
Adani-Hindenburg मामले में अब तक क्या हुआ?
- 2 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में एक कमेटी बनाई SEBI को जांच के लिए 2 महीने का समय दिया। SEBI को 2 मई तक अपनी रिपोर्ट सौंपनी थी, लेकिन SEBI ने सुनवाई के दौरान कोर्ट से जांच के लिए 6 महीने का समय मांगा जिसे बेंच ने अगस्त तक बढ़ा दिया। यानी SEBI को अपनी जांच कर रिपोर्ट सौंपने के लिए कुल 5 महीने का समय मिला।
- 14 अगस्त को SEBI ने अपनी जांच पूरी करने और रिपोर्ट सौंपने के लिए सुप्रीम कोर्ट से 15 दिन का समय और मांगा।
- 25 अगस्त को SEBI ने सुप्रीम कोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट फाइल किया जिसमें 22 जांच फाइनल हो चुकी हैं और 2 अधूरी थी।
- 24 नवंबर 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने मामले में हुई सुनवाई को पर फैसला सुरक्षित रखा।