नई दिल्ली. 8 मार्च 2024 को भारतीय बैंक संघ (आईबीए) और कई बैंक संगठनों के बीच महत्वपूर्ण बैठक हुई. इसमें कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर समझौते हुए. मीटिंग में हुई लंबी चर्चाओं के बाद 12 द्विपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर हुए. इसके अंतर्गत बैंककर्मियों की लंबे समय से चली आ रही वेतन में इजाफा करने की मांग और पांच दिवसीय साप्ताहिक कार्य को लेकर सकारात्मक बात बनी.
बैंक कर्मियों के कल्याण से जुड़ी बातों पर महत्व
बता दें कि बैंककर्मियों की तरफ से समझौते में प्रमुख भूमिका निभाने वाले, इंडियन नेशनल बैंक ऑफिसर्स कांग्रेस (INBOC) उत्तर प्रदेश के महासचिव श्री संदीप सिंह ने बताया कि यह समझौता कई मामलों में ऐतिहासिक है. उन्होंने बताया कि समझौते में वेतन में अभूतपूर्व 17% वृद्धि के साथ-साथ न सिर्फ बैंककर्मियों की पुरानी मांग- पांच दिवसीय सप्ताह (five Day Week) को शामिल किया गया है, बल्कि बैंककर्मियों के कल्याण से जुड़ी कई बातों को महत्व दिया गया है. उन्होंने कहा कि समझौते को रिकार्ड समय में मूर्त रूप देने में बैंककर्मियों की यूनियनों ने अथक परिश्रम किया है.
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नवंबर 2022 से लागू होंगे नए वेतन
INBOC के उत्तर प्रदेश के महासचिव श्री संदीप सिंह ने आगे बताया कि नए वेतन नवम्बर 2022 से लागू होंगे. महिला दिवस पर मूर्त रूप लिए इस समझौते में महिला बैंक कर्मियों के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं. इसके साथ ही बैंककर्मियों को अपनी पारिवारिक जिम्मेदारियों के निर्वहन के लिए अधिक सक्षम बनाने के लिए प्रावधान किए गए हैं. उन्होंने आगे कहा कि बैंक कर्मी देश के आर्थिक और सामाजिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं. इसलिए INBOC एवं अन्य बैंक यूनियनों का इस समझौते में प्रमुख ध्यान बैंककर्मियों के मानवीय पहलू पर था. महिला दिवस के मौके पर हुए इस महत्वपूर्ण समझौते को लेकर इंडियन नेशनल बैंक ऑफिसर्स कांग्रेस के सेंट्रल कमेटी मेंबर और बैंक ऑफ बड़ौदा लखनऊ जोन के प्रेसीडेंट गौरव चतुर्वेदी ने भी आईबीए और बैंक संगठनों के बीच हुए महत्वपूर्ण समझौतों की सराहना की.
महिला कर्मचारियों का रखा गया विशेष ध्यान
गौरतलब है कि इस समझौते में विशेष क्षमता वाले बच्चों के माता-पिता को साल में 30 दिन तक का अवकाश, अधिक उम्र के स्टाफ को पत्नी की बीमारी पर विशेष अवकाश, आधे दिन की कैजुवल लीव, महिलाओं को माह में 1 दिन का चिकित्सा अवकाश इत्यादि के साथ साथ 255 दिन की छुट्टी का नगदीकरण आदि नए प्रावधान हैं. इस समझौते में सेवानिवृत्त कर्मचारियों की आवश्यकताओं का भी ध्यान रखा गया है. इस समझौते में बैंककर्मियों के लिए लीव बैंक योजना भी प्रस्तावित की गई है, जिससे बड़ी बीमारियों से प्रभावित स्टाफ सदस्यों को विशेष मदद मिलेगी.