Lok Sabha Election 2024 : आज शाम को लोकसभा (Lok Sabha Election 2024) के पहले चरण की वोटिंग के लिए चुनाव प्रचारों की लहर पर लगाम लग जाएगी। जिसके बाद शुरु होगा डोर टू डोर कैंपेन। इसके साथ ही चुनावों के मद्दे नज़र होने वाली जनसभाओं या किसी भी प्रकार की सार्वजनिक सभाओं पर लगाम लग जाएगी। साल 2024 के लोकसभा चुनाव की शुरुआत 19 अप्रैल से होगी जिसके पहले चरण में 21 राज्यों की 102 सीटों पर वोट डाले जाएंगे। आपको बता दें कि, चुनाव प्रचारों पर रोक लगने के साथ-साथ इन सीटों पर भी पाबंदियां लगाई जाएंगी।
किस राज्य में कितनी सीटों पर होगा मतदान
जैसाकि आप सभी जानते हैं कि 19 अप्रैल से लोकसभा चुनाव की शुरुआत हो जाएगी। चुनाव में अब बस एक ही दिन शेष है इसी को लेकर चुनावों के फर्स्ट फेज़ की वोटिंग का काउंटडाउन भी शुरु हो चुका है। चुनावों से संबंधित चल रहा हर प्रकार का चुनावी शोरगुल शाम 6 बजे तक समाप्त हो जाएगा।
पहले राउंड की वोटिंग में तमिलनाडू की 39, मध्यप्रदेश 6, उत्तर प्रदेश की 8, उत्तराखंड की 5, पश्चिम बंगाल की 3, बिहार की 4, छत्तीसगढ़ की 1, राजस्थान की 12, पश्चिम बंगाल की 3,महाराष्ट्र की 5, अरूणाचल की 2, असम की 4, मणिपुर की 2, मेघालय की 2, मिज़ोरम की 1, नागालैंड की 1, सिक्किम की 1, त्रिपुरा की 1, अंडमान निकोबार की 1, जम्मू कश्मीर की 1, लक्ष्यद्वीप की 1, और पुड्डुचेरी की 1 लोकसभा सीटों पर मतदान कराए जाएंगे।
प्रचार समाप्ति के साथ किन बातों का देना होगा ध्यान
चुनावों की शुरुआत के साथ ही देश भर में राजनीतिक हलचल शुरु हो जाती है वहीं जब वोटिंग का समय आता है तो कुछ बातें ऐसी होती हैं जिनका ध्यान रखना भी बेहद ज़रूर हो जाता है आइए जान लेते हैं वो तमाम ज़रूरी बातें-
- पहले चरण के चुनावों के वक्त किसी भी राजनीतिक दल का कोई भी नेता या कोई भी व्यक्ति टीवी, फोन या अन्य किसी भी माध्यम से जनता के समक्ष किसी भी पार्टी का प्रदर्शन नहीं करेगा।
- चुनाविक गतिविधियों के बीच पुलिस प्रशासन की ओर से सामुदायिक केंद्रों जैसे धर्मशाला, गेस्ट हाऊस, लॉज, होटल आदि में ठहरे हुए बाहरी व्यक्तियों की जानकारी ली जाएगी और बाहर से आने वाले सभी वाहनों पर भी निगरानी रहेगी।
- निर्वाचन आयोग की तरफ से जारी की गई गाइडलाइंस के मुताबिक मतदान के दिनों ड्राइ डे रहेगा यानी शराब की बिक्री पर रोक लगी रहेगी।
- कोई भी राजनेता या उम्मीद्वार प्रिंट या इलैक्ट्रोनिक माध्यम से मीडिया विज्ञापन प्रकाशित नहीं कराएगा।
- न्यूज़ एजेंसियों की तरफ से ओपिनियन पोल, चुनावी गणना या फिर हार जीत की संभावनाओं को लेकर किसी भी तरह के कार्यक्रम आयोजित नहीं किए जाएंगे।
अगर कोई भी व्यक्ति इन सभी नियमों का उल्लंघन करता पाया जाता है तो उसे 2 वर्ष की सज़ा के साथ जुर्माने का भी प्रावधान है। इसीलिए ज़रूरी है कि इन बातों का ध्यान रखा जाए।