नई दिल्ली: 6 साल की उम्र में लोगों को उपदेश देना। 4 साल की छोटी सी उम्र में गुरू गिरधारी बाबा की संस्था से जुड़ जाना और वेदो-पुराणों की शिक्षा लेकर हजारों की तादात में आए लोगों के सामने कथा सुनाना। हम बात कर रहे हैं हरियाणा की कथावाचक देवी चित्रलेखा की। 19 जनवरी साल 1997 को हरियाणा के पलवल जिले के खंबी गांव में जन्मीं चित्रलेखा का शुरू से ही भगवान की आस्था में अटूट विश्वास था। उनकी इसी आस्था के चलते साल 2019 में उन्हें आध्यात्मिक और युवा उपदेशक के लिए वर्ल्ड बुक रिकॉर्ड द्वारा सम्मानित किया गया था। 26 साल की उम्र में चित्रलेखा आज अपनी बड़ी पहचान बना चुकी हैं।
टेलीविजन से लेकर सोशल मीडिया तक चित्रलेखा की कथाओं को लोग बड़े ध्यान के साथ सुनना पसंद करते हैं। लाखों की तादात में लोग उन्हें सोशल मीडिया प्लेट प्लेटफॉर्म पर फॉलो करते हैं। 23 मई साल 2017 को महज 20 साल की उम्र में शादी करने वाली चित्रलेखा अपनी शादी को लेकर अकसर चर्चा में रहती हैं। उनकी शादी को लेकर अकसर ये दावे किए जाते हैं कि उन्होंने एक मुस्लिम लड़के से शादी की है। इस बात को लेकर उन्हें कई बार सोशल मीडिया पर ट्रोलिंग का भी सामना करना पड़ा है। इस तरह के सवालों का जवाब देते हुए चित्रलेखा कई बार कह चुकी हैं कि ये ख़बरें भ्रामक है और इसमें कोई सच्चाई नहीं है।
कथावाचक के इतना कहने के बाद भी फिर से उनके पति को मुस्लिम बताकर सोशल मीडिया पर चित्रलेखा को ट्रोल किया जाने लगता है। हाल ही में चित्रलेखा ने एक शो में पहुंचने के बाद इस सवाल का जवाब देते हुए सभी को अपने पति का नाम और बैकग्राउंड के बारे में बताया। पति से पहली मुलाकात के बारे में बात करते हुए चित्रलेखा ने बताते हुए कहा, हम लोग कथा के जरिए मिले थे। इनके माता-पिता मेरी कथा को सुनने के लिए आया करते थे। मेरा उनसे कभी कोई डायरेक्ट कॉन्टैक्ट नहीं था। वह मेरी कथा सुनते थे। उनके पिताजी की खास इच्छा थी कि हमारा बेटे के लिए ऐसी ही कोई कन्या मिल जाए। इनके परिवार से मेरे परिवार तक बात आई थी कि हमारी ऐसी इच्छा है कि दोनों की शादी हो जाए, अगर आपको उचित लगे तो।
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मुझे भी ऐसा ही हमसफर चाहिए था। तो मेरी अब तक की यात्रा रही है उसमें मुझे सपोर्ट करे। बस सब आगे ईश्वर की कृपा से होता चला गया। मेरे पति एक ब्राह्मण परिवार से है, उनका नाम माधव तिवारी है। वे छत्तीसगढ़ के बिलासपुर के रहने वाले हैं।