सुकमा में नक्सलियों ने आतंकी घुसपैठ की घटना की है। कई युवा घायल हुए हैं। सूचना है कि इस हमले में दो युवा मारे गए हैं। सिलगेर इलाके में नक्सलियों ने आईईडी ब्लास्ट की घटना की है। जवानों की रैली के दौरान नक्सलियों ने ब्लास्ट किया, जो इलाके में सनसनी फैल गया है। ट्रक को नक्सली ने निशाना बनाया। ब्लास्ट में कई लोग घायल हो गए हैं और दो युवा शहीद हो गए हैं। घायल सैनिक स्थानीय अस्पताल में इलाज कर रहे हैं। जबकि पूरे क्षेत्र को घेर लिया गया है और नक्सलियों की तलाश में सर्च अभियान चलाया गया है।
पुलिस ने कहा कि 23 जून को थाना जगरगुंडा क्षेत्र के कैंप सिलगेर से 201 कोबरा वाहिनी की एडवांस पार्टी ट्रक Sukma Naxal Attack और मोटरसाइकिल से कैंप टेकलगुंडा की ओर चली गई। कैंप सिलगेर से टेकलगुड़ेम जाने के रास्ते में नक्सलियों द्वारा सुरक्षा बलों को नुकसान पहुंचाने की योजना थी।
आईईडी ब्लास्ट से प्रभावित कोबरा वाहिनी के जवान
दस्तावेजों के अनुसार, घटना के दौरान आईईडी की चपेट से 201 कोबरा वाहिनी का एक ट्रक आ गया, जिसमें चालक और सहचालक जवान मौके पर शहीद हो गए, जबकि बाकी सभी जवान सुरक्षित हैं।
शहीद युवा का नाम विष्णु आर ए और शैलेन्द्र है। घटनास्थल से Sukma Naxal Attack शहीद जवानों के पार्थिव शरीर निकाले जा रहे हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार, जवानों को घायल होकर अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनकी चिकित्सा चल रही है। विपरीत, आईईडी ब्लास्ट के बाद पूरे इलाके में सर्च अभियान तेज कर दिया गया है और नक्सलियों की तलाश की जा रही है। पूरे क्षेत्र को घेर लिया गया है।
नकली नोट छापने वाले नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया
दूसरी ओर, नक्सलियों द्वारा छापे गए फर्जी नोट छत्तीसगढ़ में पहली बार पुलिस ने पकड़े गए। छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में सुरक्षा बलों ने पहली बार नक्सलियों के नकली नोटों और उन्हें छापने के लिए आवश्यक उपकरण बरामद किए हैं।
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पुलिस ने बताया कि बस्तर क्षेत्र के अंदरूनी इलाकों के साप्ताहिक बाजारों में नक्सली लंबे समय से नकली नोटों का इस्तेमाल कर रहे थे और गरीब आदिवासियों को ठग रहे थे। सुकमा पुलिस अधीक्षक किरण जी चव्हाण ने कहा कि इस कदम से नक्सली भारतीय अर्थव्यवस्था को खराब करने का प्रयास कर रहे थे।
शनिवार शाम को जिले के कोराजगुडा गांव के पास एक जंगली पहाड़ी पर तलाशी अभियान पर निकली विभिन्न बलों के सुरक्षाकर्मियों की एक संयुक्त टीम ने बरामदगी की।
चव्हाण ने इस गिरफ्तारी को नक्सल विरोधी अभियान में एक बड़ी सफलता बताते हुए कहा कि राज्य में पहली बार नक्सलियों के फर्जी नोट बरामद किए गए हैं, जो तीन दशकों से अधिक समय से इस समस्या से जूझ रहे थे।