Agniveer: समाजवादी पार्टी के प्रमुख और सांसद अखिलेश यादव ने हाल ही में अग्निवीर योजना पर तीखी टिप्पणी की है। उन्होंने अपने ट्वीट के माध्यम से संकेत दिया कि उनकी पार्टी सत्ता में आते ही 24 घंटे के भीतर इस योजना को रद्द कर देगी। यादव के अनुसार, यह योजना देश की सुरक्षा से समझौता करती है और सैनिकों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करती है। उन्होंने पुरानी भर्ती प्रणाली की बहाली की भी मांग की है।
Agniveer योजना का परिचय
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने 2021 में अग्निवीर योजना की शुरुआत की थी, जिसका उद्देश्य भारतीय सेना की भर्ती प्रक्रिया को समकालीन बनाना और युवाओं को सैन्य बलों में शामिल करना था। इस योजना के तहत, 17.5 से 21 साल के युवाओं को चार साल के अनुबंध पर सेना में भर्ती किया जाता है। इस अवधि के बाद, कुछ युवाओं को स्थायी पद पर रखा जाता है, जबकि बाकी को अपने अनुबंध की समाप्ति पर अन्य अवसर तलाशने पड़ते हैं।
विपक्ष की प्रतिक्रिया
अखिलेश यादव का कहना है कि Agniveer योजना सेना की स्थिरता और सैनिकों की भविष्यवाणी को प्रभावित करती है। उनका तर्क है कि इस योजना के चलते सैनिकों को स्थायी रोजगार और सामाजिक सुरक्षा की गारंटी नहीं मिलती, जिससे उनके भविष्य पर अनिश्चितता बनी रहती है। समाजवादी पार्टी इस योजना को अल्पकालिक और अस्थिर मानती है और पुराने भर्ती तरीके की पुनरावृत्ति की मांग कर रही है।
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सरकार की प्रतिक्रिया
सरकार ने विपक्ष की आलोचनाओं को ध्यान में रखते हुए अपनी स्थिति को स्पष्ट किया है। सरकार का कहना है कि अग्निवीर योजना से सेना की कार्यक्षमता और युवा पीढ़ी की ऊर्जा को सेना में शामिल किया जा सकेगा। सरकार इस योजना को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए आवश्यक और लाभकारी मानती है, और इसे युवाओं के लिए एक नया अवसर बताती है।
अखिलेश यादव की आलोचना और सरकारी दावों के बीच, यह देखना होगा कि इस योजना का भविष्य में क्या असर पड़ता है और यह भारतीय सेना के लिए किस प्रकार का परिवर्तन लाती है।