Manish Sisodia : दिल्ली आबकारी नीति मामले से जुड़े सीबीआई और ED दोनों मामलों में सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को जमानत दे दी है। कोर्ट ने कहा कि Manish Sisodia को 17 महीने की कारावास की सजा सुनाई गई है और अभी तक मुकदमा नहीं चलाया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, “उन्हें त्वरित सुनवाई के उनके अधिकार से वंचित किया गया है।”
Manish Sisodia की गिरफ्तारी
शराब नीति मामले में Manish Sisodia को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दे दी है। कोर्ट ने शर्त लगाते हुए कहा कि वे गवाहों को प्रभावित नहीं करेंगे और अपना पासपोर्ट सरेंडर करेंगे। सिसोदिया अब 16 महीनों बाद जेल से बाहर आ सकते हैं।
#WATCH | Delhi | Sweets being distributed at the residence of AAP leader Sanjay Singh as Supreme Court grants bail to AAP leader Manish Sisodia in the excise policy irregularities case. pic.twitter.com/aVAxLNnryF
— ANI (@ANI) August 9, 2024
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Manish Sisodia का समाज में गहरा आधार, फरार होने का अंदेशा नहीं
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि निचली अदालतों और हाईकोर्टों को अक्सर समझ में नहीं आता कि बेल को कानून और जेल से अपवाद माना जाता है। इसलिए सुप्रीम कोर्ट में जमानत याचिकाओं की बहुतायत आती है। न्यायिक प्रक्रिया ही दंड नहीं होना चाहिए। आरोपी का समाज में व्यापक संबंध है। उसके भागने की कोई आशंका नहीं है। जमानत की शर्तें निचली अदालत ने निर्धारित कर सकती हैं। सबूत मिटाने की आशंका पर भी शर्तों का निर्धारण किया जाएगा।
VIDEO | "It's a victory of truth. There were no facts, truth in the case. Our leaders were forcefully kept in jail. Manish Sisodia was kept in the jail for 17 months. Will the PM give an account of these 17 months of his life? Will the BJP give an account of these 17 months of… pic.twitter.com/uBgd8bFclC
— Press Trust of India (@PTI_News) August 9, 2024
आरोपी मुकदमे में देरी नहीं करेंगे
सुप्रीम कोर्ट ने मनीष सिसोदिया के मुकदमे में हुई देरी का जिक्र करते हुए कहा कि पीएमएलए सेक्शन 45 में दी गई जमानत की कड़ी शर्तों से हमसे रियायत की मांग की गई है। ईडी ने कहा कि आरोपी खुद मुकदमे में देरी का दोषी है। आरोपी अनावश्यक दस्तावेज चाहता है। सैकड़ों आवेदन प्राप्त हुए।
VIDEO | "It's a victory of truth. There were no facts, truth in the case. Our leaders were forcefully kept in jail. Manish Sisodia was kept in the jail for 17 months. Will the PM give an account of these 17 months of his life? Will the BJP give an account of these 17 months of… pic.twitter.com/uBgd8bFclC
— Press Trust of India (@PTI_News) August 9, 2024
सुप्रीम कोर्ट ने निर्णय दिया कि रिकॉर्ड ऐसा नहीं बताते। ED और CBI दोनों मामलों में बहुत अधिक आवेदन नहीं आए, इसलिए हम निचली अदालत और हाई कोर्ट के फैसले से सहमत नहीं हैं कि आरोपी को मुकदमे में देरी के लिए जिम्मेदार मानना चाहिए। आरोपी को दस्तावेजों की जांच करने का अधिकार है।