Daily Mail की रिपोर्ट के अनुसार, डोनकास्टर के 12 साल के सीजर वॉटसन-किंग को क्रोमिंग चैलेंज के बाद गंभीर स्वास्थ्य समस्या का सामना करना पड़ा, जिसमें दौरे और हार्ट अटैक भी शामिल थे। पिछले महीने की इस घटना में, सीजर ने एक बड़े लड़के के कहने पर एंटी-पर्सपिरेंट कैन से निकलने वाली जहरीली गैस को सांस के जरिए अंदर लिया, जिससे उसकी हालत गंभीर हो गई।
सीजर की मां, निकोला किंग, ने इस घटना के बाद क्रोमिंग चैलेंज के खतरों के प्रति जागरूकता बढ़ाने की अपील की है। उन्होंने माता-पिता से सतर्क रहने और प्राथमिक चिकित्सा में प्रशिक्षित होने की भी सलाह दी है।
आखिर क्या है क्रोमिंग चैलेंज?
बता दें, कि टिकटॉक पर बच्चों के बीच फेमस हो रहे, क्रोमिंग चैलेंज में बच्चे नशे के लिए घर में मौजूद केमिकल्स का यूज करते हैं। बच्चे हेयरस्प्रे, डिओडोरेंट, नेल पॉलिश रिमूवर, परफ्यूम, गैसोलीन, पेंट थिनर, स्प्रे पेंट, या परमानेंट मार्कर जैसी चीजों को सूंघते हैं। मेलबर्न स्थित रॉयल चिल्ड्रेंस हॉस्पिटल के अनुसार, इन चीजों से बच्चों को अस्थायी रोमांच महसूस होता है, लेकिन इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं।
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क्रोमिंग चैलेंज से सेंट्रल नर्वस पर असर पड़ता है, जिससे चक्कर आना, दुस्वप्न और हार्ट अटैक जैसी जानलेवा स्थितियां पैदा हो सकती हैं। यह ट्रेंड ऑस्ट्रेलिया में शुरू हुआ था और अब सोशल मीडिया के जरिए से दुनिया के दूसरे हिस्सों में फैल रहा है। विशेषज्ञों के अनुसार, हर साल ऐसे पदार्थों को सांस के जरिए अंदर लेने से 50 से ज्यादा लोगों की मौत होती है।