Mohinder Singh: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने नोएडा प्राधिकरण के पूर्व सीईओ मोहिंदर सिंह के ठिकानों पर छापेमारी कर एक बड़ा वित्तीय घोटाला उजागर किया है। छापों में 1 करोड़ रुपये नकद, 12 करोड़ रुपये के हीरे और 7 करोड़ रुपये की सोने की जूलरी समेत कई संदिग्ध दस्तावेज बरामद हुए हैं। इस छापेमारी के पीछे 9000 करोड़ रुपये के भूमि घोटाले की जांच है, जिसमें नोएडा प्राधिकरण की कुख्यात 10% नीति और अधिकारियों के भ्रष्टाचार का खुलासा हुआ है।
ईडी की छापेमारी
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पूर्व आईएएस अधिकारी और नोएडा प्राधिकरण के पूर्व सीईओ Mohinder Singh के कई परिसरों पर छापेमारी की है। वह मायावती सरकार के दौरान हुए 9000 करोड़ रुपये के भूमि घोटाले में सीधे तौर पर शामिल हैं, जहां भूमि आवंटन का कथित तौर पर निजी लाभ के लिए इस्तेमाल किया गया था। चंडीगढ़, नोएडा और दिल्ली में की गई कार्रवाई में पुलिस बलों ने 1 करोड़ रुपये नकद और 12 करोड़ रुपये के हीरे के अलावा 7 करोड़ रुपये का सोना जब्त किया। भूमि घोटाला भूमि के आवंटन के लिए नोएडा प्राधिकरण की कुख्यात 10% नीति पर आधारित है और Mohinder Singh पर आम्रपाली और सुपरटेक सहित कई बड़ी रियल एस्टेट कंपनियों की मदद करने का आरोप है।
घोटाले का विवरण
इस योजना पर आरोप लगाया गया था कि डेवलपर्स ने जमीन को औने-पौने दामों पर खरीद लिया, जिससे राज्य के खजाने को भारी नुकसान हुआ। भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) ने बताया है कि नोएडा प्राधिकरण ने 2005 से 2018 के बीच बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी की और अधिकारियों और बिल्डरों के बीच स्पष्ट मिलीभगत के सबूत पेश किए, जिससे सरकार को हज़ारों करोड़ का नुकसान हुआ।
CAG की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि कई प्लॉट उचित बोली प्रणाली का पालन किए बिना बेचे गए और कई मामलों में प्राधिकरण के मनमाने फैसलों से डेवलपर्स को फ़ायदा पहुँचाया गया। रिपोर्ट में यह भी संकेत दिया गया है कि इस अवधि के दौरान लगभग 80% वाणिज्यिक प्लॉट आवंटन केवल तीन फर्मों द्वारा सुरक्षित किए गए थे: वेव ग्रुप, 3C ग्रुप और लॉजिक्स ग्रुप। इन कंपनियों पर बड़ी मात्रा में बकाया राशि बकाया थी, लेकिन उन्हें नोएडा प्राधिकरण से कभी कोई नुकसान नहीं हुआ।
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जांच और आगे की कार्रवाई
जाँच जारी रहने के दौरान, ED सिंह से जुड़ी अन्य घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय संपत्तियों की भी जाँच कर रहा है। इस घोटाले के प्रभावों ने इन संस्थानों के भीतर सरकार पर सवाल खड़े किए हैं और ऐसी प्रक्रियाओं में शामिल अधिकारियों के बीच भ्रष्टाचार को कम करने के लिए अधिक उपायों की आवश्यकता है। रिटायर IAS अफ़सर एवं नोएडा अथॉरिटी के पूर्व CEO रहे मोहिंदर सिंह के चंडीगढ़ स्थित आलीशान कोठी के साथ ही दिल्ली, नोएडा, मेरठ और गोवा स्थित ठिकानों पर प्रवर्तन निदेशालय का छापा। छापों में करीब एक करोड़ रुपये कैश, 12 करोड़ रुपये के हीरे, 7 करोड़ कीमत के सोने के जेवरात और तमाम संदिग्ध दस्तावेज बरामद हुए हैं।
उत्तर प्रदेश ब्यूरोकेसी से रिटायर आईएएस अफसर और नोएडा अथॉरिटी के पूर्व CEO रहे Mohinder Singh के ठिकानों पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने रेड डाली है। IAS अफसर के चंडीगढ़ स्थित आलीशान कोठी के साथ ही दिल्ली, नोएडा, मेरठ और गोवा स्थित ठिकानों पर कार्रवाई जारी है। ‘लोटस 300 प्रोजेक्ट’ (Lotus 300 Project) के तहत लग्जरी फ्लैट्स के नाम पर निवेशकों से धोखाधड़ी के मामले की जांच के तहत ये कार्रवाई की गई है। इस पर ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया था।