विपक्ष की प्रतिक्रिया
मायावती ने अपने पोस्ट में लिखा कि 50 से कम छात्रों वाले स्कूलों को बंद करना शिक्षा के क्षेत्र में गरीब और वंचित वर्गों को और पीछे धकेल देगा। उन्होंने कहा कि ऐसे स्कूलों में सुधार के प्रयास करने के बजाय उन्हें बंद करना अनुचित है। मायावती ने जोर दिया कि सरकार को शिक्षा में सुधार के लिए धन और संसाधन लगाने की जरूरत है।
2. यूपी व देश के अधिकतर राज्यों में खासकर प्राइमरी व सेकण्डरी शिक्षा का बहुत ही बुरा हाल है जिस कारण गरीब परिवार के करोड़ों बच्चे अच्छी शिक्षा तो दूर सही शिक्षा से भी लगातार वंचित हैं। ओडिसा सरकार द्वारा कम छात्रों वाले स्कूलों को बंद करने का भी फैसला अनुचित। 2/3
— Mayawati (@Mayawati) November 3, 2024
प्रियंका गांधी ने भी सरकार के इस प्रस्ताव पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि 27,764 स्कूलों का बंद होना शिक्षा के क्षेत्र में एक गंभीर खतरा है। यह कदम विशेष रूप से दलित, पिछड़े और गरीब परिवारों के बच्चों के भविष्य को प्रभावित करेगा। प्रियंका ने सरकार से अपील की कि ऐसे फैसलों पर पुनर्विचार किया जाए ताकि वंचित तबके की शिक्षा बाधित न हो।
उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार ने 27,764 प्राइमरी और जूनियर स्कूलों को बंद करने का फैसला लिया है। यह कदम शिक्षा क्षेत्र के साथ-साथ दलित, पिछड़े, गरीब और वंचित तबकों के बच्चों के खिलाफ है।
यूपीए सरकार शिक्षा का अधिकार कानून लाई थी जिसके तहत व्यवस्था की गई थी कि हर एक किलोमीटर की…
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) November 4, 2024
अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली सरकार के स्कूल सुधार मॉडल का उदाहरण देते हुए कहा कि उनकी पार्टी ने कड़ी मेहनत से सरकारी स्कूलों को विश्वस्तरीय बनाया है, जबकि यूपी सरकार स्कूल बंद करने की दिशा में आगे बढ़ रही है। उन्होंने यह कदम गरीबों और ग्रामीण बच्चों के हितों के विरुद्ध बताया।
शिक्षा विभाग की सफाई
Uttar Pradesh बेसिक शिक्षा विभाग के अनुसार, फिलहाल कोई स्कूल बंद नहीं किया जा रहा है। विभाग ने स्पष्ट किया कि 50 से कम छात्रों वाले स्कूलों की सूची बनाने का उद्देश्य यह समझना है कि इन स्कूलों के प्रदर्शन को कैसे सुधारा जा सकता है। शिक्षा विभाग की महानिदेशक कंचन वर्मा ने बताया कि 13 या 14 नवंबर को इस पर एक अहम बैठक होगी जिसमें विस्तृत चर्चा की जाएगी।
विपक्षी दलों और समाज के विभिन्न वर्गों के विरोध को देखते हुए सरकार को शिक्षा के अधिकार अधिनियम और छात्रों की जरूरतों के मद्देनजर निर्णय लेने की आवश्यकता होगी।