Prayagraj Protest: प्रयागराज में लगभग 20,000 छात्र उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) के कार्यालय के सामने धरने पर बैठ गए हैं। उनका मुख्य उद्देश्य पीसीएस प्री और आरओ/एआरओ परीक्षाओं को एक ही दिन और एक ही शिफ्ट में आयोजित कराने की मांग करना है। इस प्रदर्शन में समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने भी भाग लिया है, और उन्होंने राज्य सरकार पर तीखे आरोप लगाते हुए कहा है कि यदि पूरे देश में समान चुनाव कराए जा सकते हैं, तो फिर एक राज्य में समान परीक्षाएं क्यों नहीं हो सकतीं। उनके इस बयान ने एक बार फिर चुनाव और परीक्षा के मुद्दों को उभारा है, जिससे छात्रों में आक्रोश व्याप्त है।
Prayagraj धरने के दौरान, अखिलेश यादव ने बीजेपी की शासन नीति पर कटाक्ष करते हुए कहा कि सत्तारूढ़ पार्टी के पास केवल चुनावी agenda है। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस सरकार के राज में छात्रों को सिर्फ तनाव और असुरक्षा का सामना करना पड़ रहा है। उनकी यह टिप्पणी छात्रों की चिंताओं को उजागर करती है, जो अपनी भविष्य की सुरक्षा को लेकर असुरक्षित महसूस कर रहे हैं।
पूरे देश में एक साथ चुनाव तो करवा सकते हैं लेकिन एक प्रदेश में एक साथ परीक्षा नहीं। भाजपा के ढोंग का भंडाफोड़ हो गया है।
छात्र कहे आज का, नहीं चाहिए भाजपा!
जब भाजपा जाएगी
तब नौकरी आएगी#uppsc#uppcs2024#no_normalization#ro_aro_onedayexam#uppsc_oneshift_onedayexam… pic.twitter.com/aQALim1CnX— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) November 12, 2024
अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया में लिखा, “बातें चांद पर पहुंचने की और सोच पाताल की, अब नहीं चलेगी सरकार झूठों और वाचाल की।” उन्होंने यह भी कहा कि छात्रों का संघर्ष बीजेपी के खिलाफ है और जब बीजेपी सत्ता से हटेगी, तब ही उनकी नौकरी आएगी। इसका अर्थ है कि छात्रों का पूरा ध्यान अब अगली चुनावों पर केंद्रित है।
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अखिलेश ने कहा कि यदि सरकार ने सही तरीके से काम किया होता, तो आज छात्र आक्रोशित होकर सड़कों पर नहीं होते। उन्होंने चेतावनी दी कि बीजेपी सरकार अगर ऐसा ही नियंत्रण जारी रखेगी, तो यह स्थिति और भी गंभीर हो सकती है। उनके अनुसार, बीजेपी का रुख नाइंसाफी को बढ़ावा दे रहा है, जिससे छात्रों में डर और असंतोष बढ़ रहा है।
Prayagraj प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने अपनी एकजुटता दिखाते हुए नारेबाजी की और अपनी मांगों को लागू करने के लिए दृढ़ संकल्प व्यक्त किया। इस दौरान, प्रशासन ने शांति बनाए रखने के लिए सुरक्षा कड़े कदम उठाए हैं।
इस स्थिति को देखते हुए, देखें कि क्या सरकारी अधिकारी छात्रों की मांगों पर ध्यान देंगे और इस मुद्दे का समाधान कैसे निकाला जाएगा। छात्रों की यह एकता उनके भविष्य के सपनों को साकार करने में महत्वपूर्ण साबित हो सकती है।