कानपुर। शहर के नामी रीजेंसी हॉस्पिटल में ‘हेराफेरी’ का बड़ा मामला सामने आया है। हॉस्पिटल ने 85 साल की वृद्धा के कार्ड पर 58 साल की महिला का इलाज कर दिया गया। साथ ही कार्ड से जारी हुई रकम भी ले ली। जब मुख्य सतर्कता आयोग ने इस मामले में जांच की तो आरोप सही पाए गए। इसके बाद हॉस्पिटल को सीजीएचएस यानी सेंट्रल गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम के पैनल से बाहर कर दिया गया है। सीजीएसएस पोर्टल पर 15 दिनों में हॉस्पिटल को अपना जवाब दाखिल करना है।
क्या है पूरा मामला
सर्वोदय नगर में रीजेंसी हॉस्पिटल है। यहां सरकारी और गैर सरकारी कार्डधारक मरीजों का इलाज किया जाता है। सीजीएचएस की तरफ से एक लेटर जारी किया गया है। पत्र के अनुसार, 21 दिसंबर 2018 को रीजेंसी हॉस्पिटल में 85 साल की कमला देवी का सीजीएचएस के कार्ड इलाज के लिए इस्तेमाल किया गया था। कार्ड का नंबर 4517562 था। एडीशनल डायरेक्टर सीजीएचएस डॉक्टर किरन सिंह ने बताया सीजीएसएस में क्लर्क ने अपनी 85 साल की दादी के कार्ड पर 58 साल की एक दूसरी महिला का इलाज करा दिया था। इलाज के दौरान 58 साल की महिला की मौत हो गई। इसके बाद मामले का खुलासा हुआ।
शिकायत के बाद कराई जांच
सीजीएचएस कार्ड पर किसी दूसरी महिला का इलाज की शिकायत कानपुर से सीवीसी (सेन्ट्रल विजिलेंस कमिशन) से की गई। सीवीसी ने इस मामले में जांच की तो धांधली पकड़ी गई। 85 साल की कमला देवी के कार्ड में उनकी फोटो लगी हुई थी। जबकि जिस महिला का इलाज हुआ उसकी उम्र 58 साल दर्ज की गई थी। इसी में सीवीसी ने द्वारा सीजीएचएस के जरिए रीजेंसी अस्पताल को स्पष्टीकरण के लिए नोटिस भेजा। मामले सामने आने पर रीजेंसी प्रशासन के हाथ-पैर फूल गए। मामले को दबाने का प्रयास भी किया गया। लेकिन पूरा प्रकरण मीडिया में आने के बाद रीजेंसी की पोल खुल गई।
हॉस्पिटल की तरफ से नहीं आया जवाब
एडीशनल डायरेक्टर सीजीएचएस की तरफ से हॉस्पिटल को इसके लिए 20 दिन का समय दिया गया था। मगर हॉस्पिटल की तरफ से कोई जवाब नहीं दिया गया और मियाद भी पूरी हो गई। सीजीएचएस एडीशनल डायरेक्टर डा. किरन सिंह ने बताया कि इस पूरी घटना में अस्पताल की मिलीभगत पाई गई है। 11 नवम्बर की रात 12 बजे रीजेंसी अस्पताल को सीजीएसएस पैनल से बाहर कर दिया गया है। पैनल से बाहर करने के साथ ही ब्ळभ्ै की तरफ से अस्पताल को निर्देश भी जारी किए गए हैं। जिनमें कहा गया है…रीजेंसी अस्पताल को सीजीएचएस लाभार्थियों को डायग्नोस्टिक, ओपीडी, आईपीडी आदि इलाज प्रदान करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
दावा प्रस्तुत करने की अनुमति
सीजीएसएस की तरफ से कहा गया है कि 11 नवम्बर की रात 12 बजे के बाद से रीजेंसी अस्पताल सीजीएसएस मरीजों को अपने यहां एडमिट नहीं करेगा। 11 नवम्बर के बाद से रीजेंसी को 15 दिनों के भीतर एनएचए पोर्टल पर अपने दावे प्रस्तुत करने की अनुमति है। उसके बाद उन्हें दावा प्रस्तुत करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। सीजीएसएस की नोटिस के बाद रीजेंसी प्रशासन भी हरकत में आते हुए अपना जवाब मीडिया को दिया है।
रीजेंसी की तरफ से आया जवाब
रीजेंसी हॉस्पिटल की तरफ से कहा गया है कि सीजीएसएस स्तर पर कुछ गलत संचार हुआ है। कंपनी उचित समय पर सीजीएसएस के उच्च अधिकारियों को स्पष्टीकरण देगी। मामला काफी पुराना है जिसके बारे में हम आगे विस्तार से जानकारी लेंगे। इसके अलावा यह नोटिस केवल ए2 सर्वोदय नगर – टावर 1 के लिए है। अन्य सभी अस्पतालों और केंद्रों पर सभी सीजीएचएस रोगियों टावर 2, स्वरूप नगर, गोविंद नगर और लखनऊ में इलाज जारी रहेगा।