प्रयागराज ऑनलाइन डेस्क। झांसी मेडिकल कॉलेज में आग की चपेट में आने से 11 बच्चों की मौत के बाद सरकार और प्रशासनिक अधिकारी अलर्ट पर हैं। शहर-शहर अस्पतालों का निरीक्षण किया जा रहा है। इसी कड़ी में सोमवार की रात कौशांबी के डीएम मधुसूदन हुल्गी तीमारदार बनकर कान्हा मेडिकेयर सेंटर पहुंचे। डीएम के साथ सीएमओ डॉक्टर संजय कुमार और एसडीएम सदर आकाश सिंह भी मौजूद थे। हॉस्पिटल पर नवजातों की स्थित देख डीएम का परा चढ़ गया और उन्होंने लेडी डॉक्टर के खिलाफ एफआईआर के आदेश दिए। साथ ही तत्काल प्रभार से हॉस्पिटल को भी सील कर दिया।
डॉ. रेखा यादव खुद का चलाती थीं हॉस्पिटल
डॉ. रेखा यादव कौशांबी के ओसा रोड पर बस डिपो के निकट कान्हा मेडिकेयर सेंटर के नाम से अपना नर्सिंग होम चलाती हैं। जबकि वह मेडिकल कॉलेज में बतौर प्रसूति रोग विशेषज्ञ के तौर पर पदस्थ थीं। सोमवार की देर रात तीमारदार बनकर डीएम उनके अस्पताल पहुंच गए। वहां पर एक भी डॉक्टर नहीं था। जबकि, 12 प्रसूताएं व नवजात भर्ती थे। कई नवजातों की स्थिति खराब थी। डीएम ने बच्चों की हालत देख गुस्से से आगबबूला हो गए। हॉस्पिटल को सील कर दिया। डॉक्टर की संविदा समाप्त कर दी और एफआईआर दर्ज किए जाने के आदेश दिए।
9 नवंबर से अवकाश पर थीं डॉक्टर रेखा
डॉ. रेखा यादव के पति एनेस्थेटिस्ट डॉ. रमेश यादव भी मेडिकल कॉलेज में ईएमओ के पद पर तैनात हैं। डॉ. रेखा यादव ने मेडिकल कॉलेज से बीमार बताकर अवकाश लिया हुआ था। वह 9 नवंबर से मेडिकल कॉलेज नहीं आ रही थीं। मेडिकल कॉलेज की तरफ से उन्हें छुट्टी नहीं दी गई, बावजूद वह जॉब पर नहीं आ रही थीं। डीएम मधुसूदन हुल्गी अचानक सीएमओ डॉ. संजय कुमार और एसडीएम सदर आकाश सिंह के साथ कान्हा मेडिकेयर सेंटर पहुंचे। वह एक तीमारदार बनकर गए थे।
और अस्पताल सील कर दिया
अस्पताल में डीएम को करीब 12 प्रसूताएं व नवजात बच्चे भर्ती मिले। इनमें कुछ लो बर्थ वेट बीमारी से जूझ रहे थे। एक बच्चा महज 1800 ग्राम का था। लेकिन, मौके पर न तो कोई एमबीबीएस डॉक्टर था न बाल रोग विशेषज्ञ। जांच में पता चला कि इन प्रसूताओं का ऑपरेशन डॉ. रेखा यादव ने ही बीते तीन दिन के अंदर किया है। डीएम के बुलाने पर 15 मिनट बाद डॉ. रेखा अपने पति के साथ आईं। डीएम के निर्देश पर मंगलवार को तहसीलदार अनंतराम अग्रवाल व डिप्टी सीएमओ डॉ. हिंद प्रकाश मणि कान्हा मेडिकेयर पहुंचे और अस्पताल सील कर दिया।
एफआईआर के आदेश
अस्पताल सील करने से पहले वहां पर भर्ती चार प्रसूताओं को स्वस्थ होने पर घर भेज दिया गया। वहीं, एक प्रसूता को एंबुलेंस से मेडिकल कॉलेज शिफ्ट कराया गया। जिलाधिकारी की ओर से सरकारी कार्यों के प्रति लापरवाही व एनएचएम के नियमों के उल्लंघन पर डॉ. रेखा की संविदा समाप्त करने व उनके खिलाफ एफआईआर के आदेश दिए गए हैं। लेडी डॉक्टर से तीन दिन के अंदर स्पष्टीकरण भी मांगा गया है। मंगलवार को लेडी डॉक्टर पर एफआईआर के आदेश जारी हो गए हैं।