Kaushambi News: ड्रीम 11 पर महज 39 रुपये लगाकर कौशांबी जिले के मंगल सरोज ने 4 करोड़ रुपये की इनामी राशि जीत ली है। यह खबर सुनकर उनके गांव में जश्न का माहौल है और सोशल मीडिया पर उन्हें बधाइयों की बाढ़ आ गई है। हालांकि, इस चकाचौंध के पीछे एक बड़ा खतरा भी छिपा है—जुए की लत। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे ऐप्स युवाओं को गलत दिशा में ले जा सकते हैं। जहां एक ओर मंगल की किस्मत चमकी है, वहीं कई युवा अपनी जमा पूंजी गवां चुके हैं। यह खबर प्रेरणा से कहीं अधिक चेतावनी है—सपनों के साथ समझदारी जरूरी है।
उत्तर प्रदेश : कौशांबी जिले के मंगल सरोज ने 39 रुपए लगाकर ड्रीम इलेवन पर 4 करोड़ रुपए जीते।
अब मंगल मजे करेगा और उससे इंस्पायर होकर पूरे देश के लौंडे बरबाद होंगे !! pic.twitter.com/LgrCXoOpEq
— Sachin Gupta (@SachinGuptaUP) May 5, 2025
ड्रीम 11 की चमक-दमक के पीछे छिपा जुए का जाल
मंगल सरोज Kaushambi की ड्रीम 11 पर 4 करोड़ की जीत भले ही एक सपने जैसी लगे, लेकिन इसका दूसरा पहलू कम खतरनाक नहीं है। ड्रीम 11 जैसे फंतासी स्पोर्ट्स ऐप्स को ‘गेम ऑफ स्किल’ कहा जाता है, जिससे इन्हें भारत में कानूनी दर्जा मिला हुआ है। परंतु विशेषज्ञों का मानना है कि यह “जुए” का एक नया डिजिटल रूप है, जो खासतौर पर बेरोजगार और युवा वर्ग को अपनी चपेट में ले रहा है।
बना हीरो, पर हजारों हुए जीरो
मंगल की जीत के बाद सोशल मीडिया पर एक यूजर ने टिप्पणी की, “मंगल तो अब मजे करेगा, पर हजारों युवा इसी उम्मीद में बर्बाद हो सकते हैं।” इस तरह की जीत लाखों में एक होती है। गाजियाबाद के एक युवक की कहानी भी सामने आई है, जिसने छोटी-छोटी जीत के बाद लालच में आकर अपनी सारी बचत गवां दी। उसने कहा कि शुरुआत में सब आसान लगता है, पर जल्द ही यह लत बन जाती है।
मानसिक और सामाजिक नुक़सान
मनोवैज्ञानिकों के अनुसार, फंतासी ऐप्स की लत एक नशे की तरह काम करती है। ये ऐप्स व्यक्ति को बार-बार खेलने के लिए उकसाते हैं, जिससे मानसिक तनाव, डिप्रेशन और पारिवारिक समस्याएं उत्पन्न हो जाती हैं। सामाजिक कार्यकर्ता अंकिता चौधरी ने कहा, “इन ऐप्स की वजह से कई परिवार बर्बादी की कगार पर पहुंच गए हैं। सरकार को इन पर लगाम कसनी चाहिए।”
सावधानी ही सुरक्षा
मंगल सरोज Kaushambi की सफलता को देखकर अगर कोई प्रेरित हो रहा है तो उसे यह भी समझना चाहिए कि हर कोई इतना भाग्यशाली नहीं होता। जुए की लत से केवल नुकसान होता है। लोगों को चाहिए कि वे ऐसे जोखिम भरे रास्तों से दूर रहें और मेहनत की कमाई को सुरक्षित निवेशों में लगाएं।
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