Annual Report of Indian Judiciary : प्रधानमंत्री मोदी ने संविधान दिवस समारोह के मौके पर सुप्रीम कोर्ट में भारतीय न्यायपालिका की वार्षिक रिपोर्ट 2023-24 जारी की। इस अवसर पर मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित रहे। पीएम मोदी ने संविधान की महत्ता पर जोर देते हुए कहा, “संविधान केवल एक कानूनी दस्तावेज नहीं है, इसका मूल उद्देश्य समय की आवश्यकता के अनुसार बदलती रही समाज की भावना को प्रतिबिंबित करना है।”
उन्होंने बाबासाहेब अंबेडकर के उस बयान का भी उल्लेख किया, जिसमें उन्होंने संविधान को एक विधायिका का कागजी दस्तावेज़ न मानते हुए इसे समाज की बदलती जरूरतों के हिसाब से सजीव और गतिशील बताया।
भारतीय न्यायपालिका की वार्षिक रिपोर्ट
#WATCH | PM Modi released the Annual Report of Indian Judiciary 2023-24, on the occasion of the Constitution Day celebrations, in the Supreme Court
CJI Sanjiv Khanna and other dignitaries are also present. pic.twitter.com/BaQNLVCFhL
— ANI (@ANI) November 26, 2024
इस अवसर पर मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना ने भी अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि भारत का संवैधानिक न्यायालय दुनिया के सबसे शक्तिशाली न्यायालयों में से एक है। इसके अलावा, उन्होंने न्यायाधीशों के दृष्टिकोण और आलोचना दोनों को महत्वपूर्ण बताया। उनका कहना था, “हमारे द्वारा दिए गए प्रत्येक फैसले पर कुछ लोग उत्सव मनाते हैं, तो कुछ आलोचना करते हैं। यह न्यायपालिका के कार्यों में आने वाली द्वैधता है, जो न्यायालय की कार्यप्रणाली की समीक्षा को प्रेरित करती है। न्यायपालिका की सबसे बड़ी ताकत यह है कि वह पारदर्शिता और जनता के प्रति अपनी जिम्मेदारी को हमेशा बनाए रखती है।”
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कार्यक्रम में एक और दिलचस्प घटना हुई, जब सीजेआई खन्ना ने तिहाड़ जेल में बंद एक कैदी द्वारा बनाई गई कलाकृति प्रधानमंत्री मोदी को भेंट की। यह घटना संविधान दिवस और न्यायपालिका के साथ-साथ समाज के विभिन्न वर्गों के जुड़ाव को भी दर्शाती है।