कानपुर ऑनलाइन डेस्क। यूपी के हरदोई जिले में भोले नाथ का प्रख्यात मंदिर है, जिसे बाबा सुनासीर नाथ मंदिर के नाम से जाना जाता है। इस मंदिर का इतिहास आदि काल से जुड़ा हुआ है। बताया जाता है कि बाबा सुनासीर नाथ मंदिर की स्थापना स्वयं भगवान देवराज इंद्र ने की थी। यहां हरदिन सैकड़ों की संख्या में भक्त आते हैं और पूजा-अर्चना कर मन्नत मांगते हैं। मंदिर पर मुगल आक्रांता औरंगजेब की नजर पड़ी। तब सनकी बादशाह ने इसे गिराने के आदेश दिए। मुगलसेना ने मंदिर को जमींदोज कर दिया और शिवलिंग की आरे को काटने लगे। तभी शिवलिंग से दूध की धारा फट पड़ी और सैनिकों पर ततैयों ने हमला बोल दिया। सैनिक मंदिर से भाग खड़े हुए। कहा जाता है कि अब भी मंदिर की पहरेदारी ततैया करती हैं।
कई दिन तक चला था युद्ध
16वीं शताब्दी में मुगल आक्रांता औरंगजेब अपनी फौज व तलवारों की दम पर देश भर के मंदिरों व देव स्थानों को ध्वस्त करते हुए गंगा की तराई में आ पहुंचा। तभी मुगल आक्रांता औरंगजेब के सिपहसलाहकारों ने स्वर्णजड़ित मंदिर के बारे में उसे बताया। औरंगजेब मंदिर को लूटने के साथ ही तबाह करने का मन बना बैठा। इतिहासकार बताते हैं मुगल आक्रांता औरंगजेब ने सेना को मंदिर को ढहाने का आदेश दे दिया। इसकी भनक लगते ही गौराखेड़ा के शूरवीरों ने मुगलसेना के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। भयंकर युद्ध हुआ, दोनों ओर से सैकड़ों सैनिक मारे गए, लेकिन युद्ध कौशल से अनभिज्ञ व संसाधनों के अभाव में गौरखेड़ा के शूरवीर ज्यादा देर तक सेना के सामने नहीं टिक सके।
शिवलिंग से दूध की धार फूट पड़ी
इतिहासकार बताते हैं कि जीत के बाद मुगल सैलिकों ने मंदिर पर कब्जा कर लिया। औरंगजेब के इशारे पर सेना ने मंदिर में लूटपाट शुरू कर दी। सैनिकों ने सबसे पहले मंदिर में लगा दो क्विंटल के सोने का कलश उतरवा लिया। फर्श में लगी सोने की गिन्नियां व सोने के घंटे लूट लिए। सैनिकों ने औरंगजेब के आदेश पर मंदिर का भवन ध्वस्त कर दिया। बताया जाता है कि इसके बाद सैनिक शिवलिंग खोदने लगे। काफी प्रयास के बाद भी सैनिक इसमें सफल नहीं हुए तो बादशाह ने सैनिकों को शिवलिंग चीरने का आदेश दिया। बादशाह के आदेश पर सैनिक आरे से शिवलिंग काटने लगे, इस पर शिवलिंग से दूध की धार फूट पड़ी। यह देख सैनिकों ने आरा चलाना बंद कर दिया।
ततैयों ने सेना को खदेड़ा
बताया जाता है कि इस बीच अचानक वहां लाखों की संख्या में प्रकट हुईं बर्रैया व ततैयों ने औरंगजेब की सेना पर हमला बोल दिया। जिस पर सैनिक वहां से भाग खड़े हुए। बर्रैयों व ततैयों ने शुक्लापुर गांव तक सेना का पीछा कर उन्हें खदेड़ दिया। शिवलिंग पर आरे का निशान आज भी देखा जा सकता है। औरंगजेब व उसकी सेना द्वारा किए गए हमले में मंदिर का भवन पूरी तरह से क्षतिग्रस्त कर दिया गया था। बताया कि जाता है कि काफी अरसा पूर्व क्षेत्र भगवंतनगर में रहने वाले एक एक मिश्रा परिवार ने मंदिर के भवन का निर्माण करवाया था और उसे नया स्वरूप दिया गया था।
यूपी के कोने-कोने से आते हैं भक्त
बाबा सुनासीर नाथ मंदिर की ख्याति जिले के साथ आस पास के जनपदों में भी है। प्रबंधन समिति की माने तो सावन के साथ ही अन्य दिनों में लखनऊ, कानपुर, उन्नाव, बाराबंकी, कन्नौज व सीतापुर आदि जनपदों से बड़ी संख्या में श्रद्धालू दर्शन के लिए मंदिर में आते हैं। आस पास रहने वाले लोगों ने बताया कि मंदिर के बारे में प्रख्यात है कि यहां श्रद्धालू मन से जो भी मांगेंगे भोले नाथ वह अवश्य देंगे। मंदिर में भगवान शिव पार्वती विशाल मूर्तियों विराजमान हैं। इसके साथ ही मंदिर में झरना व गुफा का भी है। ग्रामीण बताते हैं कि अब भी शिवलिंग की पहरेदारी ततैया करती हैं।