Religious News : भारत में साल 2024 खास रहा, खासकर दो प्रसिद्ध मंदिरों के कारण, जो इस साल बड़े पैमाने पर चर्चा में रहे। अयोध्या का राम मंदिर और आंध्र प्रदेश का तिरुपति बालाजी मंदिर, दोनों ने अपने धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व से लोगों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया। चलिए, इन दोनों मंदिरों के बारे में जानते हैं और ये क्यों चर्चा में रहे।
राम मंदिर, अयोध्या
22 जनवरी 2024 सनातन धर्म के लिए एक ऐतिहासिक दिन बन गया जो सदियों तक याद रखा जाएगा।
22 जनवरी 2024 को अयोध्या में रामलला की नई मूर्ति के साथ राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा हुई। यह दिन हिंदू धर्म के मानने वालों के लिए ऐतिहासिक और यादगार बन गया है। मंदिर का निर्माण लंबे समय से चल रहे आंदोलन ,विवादों और कानूनी लड़ाइयों के बाद अब संभव हो पाया। सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने इस मंदिर के निर्माण को हकीकत में बदला।
रामलला की नई मूर्ति
राम मंदिर में स्थापित नई मूर्ति श्याम शिला से बनी है, जिसका रंग काला है। यह मूर्ति रामलला को बालक, देवता और राजकुमार के रूप में दर्शाती है। इस मूर्ति की ऊंचाई 4.24 फीट है और इसका वजन करीब 200 किलोग्राम है। मूर्ति के हाथ में तीर और धनुष हैं, और इसे कमल दल पर खड़ा दिखाया गया है। यह मूर्ति धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है।
टाइम कैप्सूल मंदिर की धरोहर
राम मंदिर की ऐतिहासिकता को संजोने के लिए गर्भगृह में 200 फीट गहरे टाइम कैप्सूल को रखा गया है। इसमें मंदिर और उसके निर्माण की पूरी जानकारी होगी, ताकि भविष्य में इस स्थान और इसकी धार्मिक महत्ता को समझा जा सके।
यह भी पढ़ें–Health Tips:क्या आप सफर के दौरान जी मितलाने की समस्या से परेशान है? तो अपनाएं सरल घरेलू नुस्खे
तिरुपति बालाजी मंदिर
तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसिद्ध लड्डू प्रसाद पर विवाद हो गया था। जिसकी वजह से तिरुपति बालाजी मंदिर इस साल एक अलग ही कारण से चर्चा में आया। मंदिर के प्रसिद्ध लड्डू प्रसाद में मछली के तेल और चर्बी के इस्तेमाल के दावे किए गए थे। हालांकि, यह सिर्फ अफवाह निकला, लेकिन इसने मीडिया में हलचल मचाई।
विश्वभर में प्रसिद्ध मंदिर
तिरुपति बालाजी मंदिर को दुनिया के सबसे अमीर मंदिरों में गिना जाता है। यहां का लड्डू प्रसाद विशेष महत्व रखता है। लोग इसे भगवान की कृपा मानकर बड़े श्रद्धा भाव से लेते हैं। हर दिन लाखों की संख्या में लड्डू बनते हैं, और इसे बिना खाए तिरुपति बालाजी के दर्शन अधूरे माने जाते हैं।
राम मंदिर ने अपनी प्राण प्रतिष्ठा से ऐतिहासिक पहचान बनाई, जबकि तिरुपति बालाजी के लड्डू प्रसाद से जुड़ी अफवाहों ने कुछ विवाद पैदा किया। ये दोनों मंदिर धार्मिक आस्था और सांस्कृतिक महत्व का प्रतीक बने हुए है।