लखनऊ ऑनलाइन डेस्क। प्रदेश की योगी सरकार ने यूपी में एसेंशियल सर्विसेज मेंटनेंस ऐक्ट (एस्मा) को लागू कर दिया है। जिसके तहत अब अगले 6 माह तक हड़ताल पर रोक रहेगी। ये कानून सरकारी, अर्द्ध सरकारी विभागों, निगमों और प्राधिकरणों पर लागू होगा। जो भी अधिकारी, कर्मचारी एस्मा का उल्लंघन करेगा तो उसके खिलाफ सरकार कड़ी से कड़ी कार्रवाई करेगी।
एस्मा की अधिसूचना जारी
प्रदेश में अगले छह माह तक एस्मा लागू रहेगा। ऐसे में अब कोई भी सरकार संगठन, कर्मचारी व अधिकारी हड़ताल नहीं कर सकते।प्रमुख सचिव नियुक्ति एवं कार्मिक एम देवराज ने शुक्रवार को इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी है। एस्मा लागू होने के बाद कर्मचारियों की हड़ताल को अवैध और दंडनीय माना जाएगा। इससे पहले भी योगी सरकार हड़ताल को प्रतिबंधित करने के लिए एस्मा लागू कर चुकी है। फरवरी, 2024 में एस्मा लागू करने की घोषणा की गई थी।
इस वजह से लगाया गया एस्मा
दरअसल, पावर कॉरपोरेशन दो बिजली कंपनियों पूर्वांचल और दक्षिणांचल को पीपीपी मॉडल पर चलाने की तैयारी कर रहा है। बिजली विभाग के कर्मचारी और दूसरे विभागों के कर्मचारी लगातार इस फैसले का विरोध कर रहे हैं। बिजली विभाग से जुड़े कई संगठनों ने इसके विरोध में आवाज बुलंद करनी शुरू कर दी है। साथ ही हड़ताल पर जाने की चेतावनी भी दी है। जिसको लेकर सरकार पहले से अलर्ट मोड़ पर है और उर्जा निगमों में तीन जनवरी तक हड़ताल करने पर रोक लगी हुई है।
तीन जुलाई तक हड़ताल पर रोक
इनसब के बीच कारपोरेशन प्रबंधन ने तीन जनवरी के बाद छह माह तक ऊर्जा निगमों हड़ताल पर रोक लगाने के लिए यूपी सरकार से अनुरोध कर रखा है। प्रदेश सरकार की अधिसूनचा जारी होने पर उर्जा निगमों में अगले साल तीन जुलाई तक हड़ताल पर रोक रहेगी। एस्मा लागू हो जाने के बाद अब बिजली विभाग के कर्मचारी हड़ताल पर नहीं जा पाएंगे। अगर वह एस्मा के खिलाफ जाते हैं तो उन पर कार्रवाई हो सकती है। एक तरह से योगी सरकार के इस ब्रम्हास्त्र ने बिजली विभाग के कर्मचारियों की टेंशन बढ़ा दी है।
क्या है एस्मा एक्ट
एस्मा भारतीय संसद द्वारा पारित अधिनियम है, जिसे 1968 में लागू किया गया था। एस्मा को हिंदी में अत्यावश्यक सेवा अनुरक्षण कानून के नाम से भी जाना जाता है। इस कानून को हड़ताल को रोकने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। खास बात यह है कि इस कानून ज्यादा से ज्यादा 6 महीने के लिए लगाया जा सकता है।, इस कानून को लगाने से पहले सरकार द्वारा कर्मचारियों को एक नोटिफिकेशन देना आवश्यक होता है। इस कानून के लागू होने के बाद यदि कर्मचारी हड़ताल पर जाते हैं तो उनका यह कदम अवैध और दंडनीय की श्रेणी में आता है।
क्यों लगाया जाता है एस्मा
एस्मा कानून किसी भी सरकार द्वारा तब लगाया जाता है जब उनके पास हड़ताल रोकने के सारे रस्ते बंद हो जाते हैं। यह कानून जिस सर्विस (सेवा) पर लगाया जाता है। उससे जुड़े कर्मचारी फिर हड़ताल नहीं कर सकते हैं। वहीं, अगर कोई कर्मचारी इस कानून का पालन नहीं करता है तो उसे 6 महीने की जेल की सजा का प्रावधान है। अगर एस्मा एक्ट लागू होने के बाद कर्मचारी हड़ताल या प्रदर्शन करते हैं तो ऐसे कर्मचारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जा सकती है। इसके अलावा बिना वारंट के उन्हें गिरफ्तार भी किया जा सकता है।
केरोना के वक्त लगा था एस्मा
यूपी कोरोना महामारी के दौरान एस्मा लागू किया गया था। इसके बाद योगी सरकार ने किसान आंदोलन के वक्त इस एक्ट को प्रदेश में लागू किया। बिजली विभाग की तरफ से आंदोलन की धमकी के बाद एस्पा लागू हुआ था। एकबार फिर बिजली विभाग के कर्मचारी आंदोलन की तैयारी में हैं। किसान संगठन भी सड़क पर हैं। ऐसे में योगी सरकार ने एकबार फिर राज्य मे एस्मा एक्ट लगा दिया है। जिसके बाद अब कोई भी संगठन हड़ताल पर नहीं जा सकेगा।