नई दिल्ली ऑनलाइन डेस्क।Former PM Manmohan Singh Funeral News in Hindi देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का 92 साल की उम्र में गुरुवार को निधन हो गया था। शनिवार को उनके पार्थिव शरीर को निगम बोध मुखाग्नि दे दी गई। नम आंखों से राहुल गांधी, सोनिया गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे, प्रियंका गांधी ने विदाई दी। निगमबोध घाट पर पीएम नरेंद्र मोदी के साथ गृह मंत्री अमित शाह, राजनाथ सिंह भी मौजूद रहे। राजकीय सम्मान के साथ मनमोहन सिंह को अंतिम विदाई दी गई। अर्द्ध सेना के जवानों ने उनको 21 तोपों की सलामी दी।
निगमबोध घाट पर हुआ अंतिम संस्कार
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार दिल्ली के निगमबोध घाट पर पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया गया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लोकसभा में विपक्ष के नेता ओम बिरला, कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और अन्य लोग श्मशान घाट पर मौजूद रहे। सभी नेताओं ने चिता पर अपनी-अपनी लकड़ी डालकर विदाई दी। राहुल गांधी ने भी मनमोहन सिंह की चिता पर लकड़ी डाली। पूर्व पीएम डॉक्टर मनमोहन सिंह की तीनों बेटियां और पत्नी निगमबोध घाट पर मौजूद थीं। बेटियों ने पूर्व पीएम डॉक्टर मनमोहन के पार्थिक शरीर को मुखाग्नि दी। इस खास मौके पर हम पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के परिवार के बारे में आपको बताने जा रहे हैं।
डॉक्टर सिंह तीन बेटियों के पिता
डॉक्टर मनमोहन सिंह का विवाह साल 1958 में गुरशरण कौर से हुआ था। उनकी तीन बेटियां हैं। इनके नाम हैं, उपिंदर सिंह, दमन सिंह और अमृत सिंह। पूर्व पीएम की तीनों बेटियां राजनीति में नहीं आई। उन्होंने सियासत के बजाए कॅरियर के दूसरे रास्ते चुने। मनमोहन सिंह ने अपनी तीनों बेटियों की पढ़ाई अच्छे स्कूल और कॉलेज में करवाई। यही कारण रहा कि तीनों बेटियों ने अगल मुकाम हासिल किया। एक इंटरव्यू के दौरान खुद मनमोहन सिंह ने कहा कि था कि उनके परिवार के लोगों का रातनीति से दूर-दूर तक नाता नहीं रहा। मैं खुद नौकरशाह और प्रोफेसर रहा। पर देश के लोगों के प्यार के कारण मैं राजनीति में आया।
डॉ सिंह की बड़ी बेटी प्रोफेसर
डॉक्टर मनमोहन सिंह की सबसे बड़ी बेटी उपिंदर सिंह इतिहास की एक नामी प्रोफेसर हैं। उनकी शादी लेखक विजय तन्खा से हुई है। उपिंदर ने भी कई किताबें लिखी हैं और साल 2009 में उन्हें सोशल साइंसेज में इंफोसिस पुरस्कार दिया गया। उन्होंने सेंट स्टीफंस कॉलेज, दिल्ली और मैकगिल विश्वविद्यालय, मॉन्ट्रियल से डिग्री प्राप्त कीं। उपिंदर ने प्राचीन भारतीय इतिहास पर महत्वपूर्ण काम किया है। उपिंदर को कैंब्रिज और हार्वर्ड जैसे संस्थानों फेलोशिप भी मिल चुकी है। जब संजय बारू ने ‘एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर’ किताब लिखी थी तब उपिंदर सिंह ने इसकी कड़ी आलोचना की थी।
डॉ सिंह की दूसरी बेटी लॉ प्रोफेसर
अमृत सिंह मनमोहन सिंह की दूसरी बेटी हैं। वह ह्यूमन राइट्स की जानी-मानी वकील हैं और स्टैन्फोर्ड यूनिवर्सिटी में लॉ की प्रोफेसर हैं। उन्होंने दुनिया भर में कई ह्यूमन राइट्स मुद्दों पर काम किया है। अमृत की फैकल्टी बायो के मुताबिक मौजूदा वक्त में वह स्टैन्फोर्ड लॉ स्कूल में प्रैक्टिस ऑफ लॉ की प्रोफेसर हैं। अमृत ने कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री हासिल की। ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से दर्शनशास्त्र में स्नातकोत्तर बनीं। फिर येल लॉ स्कूल से कानून की डिग्री हासिल की।
डॉ सिंह की तीसरी बेटी लेखिका
मनमोहन सिंह की तीसरी बेटी दमन सिंह एक प्रोफेशनल लेखक हैं। उन्होंने द लास्ट फ्रंटियर के अलावा स्ट्रिक्टली पर्सनलः मनमोहन एंड गुरशरण नाम से अपने पैरेंट्स की बायोग्राफी लिखी है। इस किताब में पिता के व्यक्तिगत किस्से हैं, जो मनमोहन सिंह के चरित्र को गहराई से रू-ब-रू कराती है। दमन सिंह की शादी आईपीएएस अधिकारी अशोक पटनायक से हुई है। उन्होंने सेंट स्टीफंस कॉलेज दिल्ली से मैथमेटिक्स की पढ़ाई की और 1984 में ग्रेजुएशन किया था। दमन सिंह की शादी आईपीएस अधिकारी अशोक पटनायक से हुई है।
जानें कितनी संपत्ति छोड़ गए पूर्व पीएम
डॉक्टर मनमोहन सिंह ने 2018 में राज्यसभा सीट के लिए नामांकन दाखिल किया था। नामांकन दाखिल करते समय मनमोहन सिंह ने अपनी कुल संपत्ति 15.77 करोड़ रुपये बताई थी। वहीं, एफिडेविट के मुताबिक साल 2019-19 में उनकी कुल कमाई करीब 90 लाख रुपये थी। उनकी आवासीय संपत्तियों और बैंक जमा के अलावा, चंडीगढ़ और दिल्ली में उनके अपार्टमेंट की कीमत 11 साल पहले 7.27 करोड़ रुपये थी। 2013 में उनके एसबीआई खाते में जमा और निवेश में कुल 3.46 करोड़ रुपये थे। एफिडेविट में यह भी बताया गया था कि उनके ऊपर कोई बकाया कर्ज नहीं था। उनके पास 30,000 रुपये की नकदी और 3.86 लाख रुपये के गहने थे। इसके अलावा 2013 के हलफनामे के मुताबिक पोस्टल सेविंग स्कीम में उनके पास 12 लाख 76 हजार रुपये थे।
26 सितंबर को जन्म 26 दिसंबर को निधन
डॉ. मनमोहन सिंह का जन्म 26 सितंबर 1932 को अविभाजित भारत के पंजाब प्रांत में हुआ था। संयोग देखिए कि 26 दिसंबर की तारीख का उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कहा। डॉक्टर मनमोहन सिंह की जन्मस्थली का नाम गाह है। जब देश का बंटवारा हुआ तो मनमोहन सिंह का परिवार अमृतसर आकर बस गया। डॉक्टर सिंह 1948 में ईस्ट पंजाब यूनिवर्सिटी सोनल से मैट्रिक की परीक्षा पास की थ।. इसके बाद उन्होंने 1950 में हिंदू कॉलेज अमृतसर (पंजाब यूनिवर्सिटी) से इंटर की परीक्षा पास की थी। हिंदू कॉलेज से ही उन्होंने 1952 में बीए किया। 1954 में होशियारपुर स्थित पंजाब यूनिवर्सिटी कॉलेज से एमए की डिग्री ली। 1957 में उन्होंने ट्रीपोस (मास्टर्स) की डिग्री यूके के कैंब्रिज यूनिवर्सिटी के सेंट जॉन्स कॉलेज से ली थी। 1962 में डॉ.मनमोहन सिंह ने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से डी.फिल की डिग्री ली।