Indian property ownership in London : इंटरनेट पर कुछ लोगों ने यह कहकर हलचल मचा दी कि अंग्रेजों ने भारत पर 200 साल राज किया, अब हमारी बारी है यह बात हमने नहीं, बल्कि कुछ इंटरनेट यूजर्स ने कही है। दरअसल, लंदन स्थित एक प्रॉपर्टी डेवलपर ने हाल ही में एक रिपोर्ट जारी की, जिसमें यह दावा किया गया है कि लंदन में प्रॉपर्टी के सबसे बड़े मालिक अब भारतीय हैं। इस रिपोर्ट के बाद सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाओं की बाढ़ आ गई।
रिपोर्ट में क्या हुआ खुलासा
इस रिपोर्ट को Barratt London नामक प्रॉपर्टी डेवलपर ने पिछले महीने जारी किया था। इसके मुताबिक, लंदन में भारतीय संपत्ति खरीदारों को विभिन्न श्रेणियों में बांटा गया है। इनमें भारतीय मूल के निवासी जो पीढ़ियों से ब्रिटेन में रह रहे हैं, एनआरआई (NRI), विदेशी निवेशक, और शिक्षा के लिए ब्रिटेन आने वाले लोग शामिल हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले कुछ सालों में लंदन में भारतीय मूल के लोग धीरे से अपनी संपत्तियों में इजाफा कर रहे हैं। यह जानकारी ब्रिक्स न्यूज के आधिकारिक एक्स (पूर्व में ट्विटर) हैंडल से साझा की गई थी।
रिपोर्ट में बताया गया कि भारतीयों के बाद लंदन में प्रॉपर्टी के सबसे बड़े मालिक ब्रिटिश और फिर पाकिस्तानी हैं। जहां भारतीय लोग ज्यादातर 3 करोड़ से 4.7 करोड़ रुपये के बीच निवेश करके अपार्टमेंट और घर खरीद रहे हैं। इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर लोग मजाकिया अंदाज में अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं।
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं
कुछ लोगों ने तो इसे इतिहास से जोड़ते हुए प्रतिक्रियाएं दीं। एक यूजर ने लिखा, यह कर्मा है, ब्रिटिशों ने 200 वर्षों तक भारत पर अवैध रूप से राज किया, अब भारतीय कानूनी रूप से ब्रिटेन के मालिक बन रहे हैं, और वो भी एक पूरी तरह से प्रतिस्पर्धात्मक माहौल में। वहीं एक अन्य यूजर ने कहा, जो बोओगे वही काटोगे। एक तीसरे यूजर ने लिखा, एक समय ब्रिटिशों के पास आधी दुनिया थी, और अब उनके पास लंदन के आधे हिस्से से भी कम का स्वामित्व है।
यह रिपोर्ट और इन प्रतिक्रियाओं ने सोशल मीडिया पर एक हलचल मचा दी है। लोग इसे ब्रिटिश साम्राज्य के अंत और भारतीयों के उभरते प्रभाव के रूप में देख रहे हैं। हालांकि, यह रिपोर्ट केवल एक पहलू को ही दर्शाती है, लेकिन यह साफ है कि भारतीय समुदाय की प्रॉपर्टी में बढ़ती हिस्सेदारी अब एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन चुकी है। जहां लोग इसे ब्रिटिश साम्राज्य के अंत और भारतीयों के बढ़ते प्रभाव के रूप में देख रहे हैं।