रुद्राक्ष बाबा का प्रयागराज आगमन
इसी बीच, निरंजनी पंचायती अखाड़े के बाबा दीगंबर अजय गिरी, जिन्हें ‘रुद्राक्ष बाबा’ के नाम से भी जाना जाता है, प्रयागराज पहुंचे। वे अपने शरीर पर 11,000 रुद्राक्ष धारण किए हुए थे। उन्होंने कहा, “रुद्राक्ष भगवान शिव के आंसुओं से उत्पन्न होता है और यह शिव का प्रतीक है। 1 से 21 मुख वाले रुद्राक्ष को अत्यंत पवित्र माना जाता है। संत इन्हें इसलिए पहनते हैं क्योंकि शिवपुराण के अनुसार, जो व्यक्ति 11,000 रुद्राक्ष पहनता है, उसे भगवान शिव के रुद्र अवतार के रूप में देखा जाता है। इसके अतिरिक्त, संत विभिन्न रत्न भी धारण करते हैं, जिनका उद्देश्य ग्रहों से सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त करना होता है।”
महाकुंभ के कार्यक्रमों की रूपरेखा
महाकुंभ 2025 के आयोजन को लेकर विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) के महासचिव बजरंग लाल बागड़ा ने आगामी कार्यक्रमों की घोषणा की। प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, कुंभ मेला क्षेत्र स्थित ऋषि भारद्वाज आश्रम, पुराने जीटी रोड, सेक्टर 18 में कई आध्यात्मिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
- 24 जनवरी: केंद्रीय मार्गदर्शन बोर्ड की बैठक
- 25 जनवरी: साध्वी सम्मेलन
- 25-26 जनवरी: संत सम्मेलन
- 27 जनवरी: युवा संत सम्मेलन
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इस बार 12 वर्षों के बाद आयोजित हो रहे महाकुंभ में करीब 45 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। श्रद्धालु गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम पर पवित्र स्नान करेंगे। महाकुंभ का समापन 26 फरवरी को होगा।
- 14 जनवरी: मकर संक्रांति
- 29 जनवरी: मौनी अमावस्या
- 3 फरवरी: वसंत पंचमी