Religious Controversy : किन्नर महामंडलेश्वर हिमांगी सखी मां ने ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर बनाए जाने पर कड़ी आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि किन्नर अखाड़ा का उद्देश्य किन्नर समुदाय के लिए था, लेकिन अब इसमें महिलाओं को शामिल किया जा रहा है। हिमांगी मां का कहना है कि अगर ऐसा करना है तो अखाड़े का नाम बदल देना चाहिए।
ममता कुलकर्णी के अतीत पर सवाल
हिमांगी मां ने ममता कुलकर्णी के अतीत पर तीखे सवाल उठाए। उन्होंने कहा, ममता कुलकर्णी, जिनका डी कंपनी से संबंध रहा है और जो ड्रग्स के मामले में जेल जा चुकी हैं, उन्हें महामंडलेश्वर बना दिया गया। क्या यह समाज को सही संदेश देगा, उनका मानना है कि ऐसे व्यक्तियों को बिना पूरी जांच-पड़ताल के इस पद पर बैठाना अनुचित है।
बिना शिक्षा दीक्षा के कैसे बने महामंडलेश्वर
हिमांगी मां ने यह भी पूछा कि ममता को महामंडलेश्वर बनाने की प्रक्रिया में धर्म के नियमों का पालन क्यों नहीं हुआ। उन्होंने कहा, पट्टाभिषेक किया गया, लेकिन मुंडन क्यों नहीं हुआ क्या ममता कुलकर्णी की पृष्ठभूमि की जांच नहीं होनी चाहिए थी, वे अचानक भारत लौटीं, कुंभ में पहुंचीं, और फिर महामंडलेश्वर बना दी गईं। यह सब समझ से परे है।
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यह सिर्फ पब्लिसिटी स्टंट है
हिमांगी मां ने इस पूरे मामले को पब्लिसिटी स्टंट करार दिया। उन्होंने कहा कि आजकल कुछ अखाड़े प्रसिद्धि पाने के लिए कुछ भी कर सकते हैं। ऐसे कदम समाज को गलत संदेश देते हैं। यह धार्मिक पद की गरिमा को ठेस पहुंचाने जैसा है।
समाज को गलत संदेश
हिमांगी मां का कहना है कि गुरु का पद बेहद पवित्र होता है। इसे किसी विवादित व्यक्ति को देना न केवल धर्म की मर्यादा के खिलाफ है, बल्कि समाज को भी गलत दिशा में ले जाने वाला कदम है। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या ऐसे लोगों को गुरु बनाकर समाज को सही दिशा में ले जाया जा सकता है।