गणतंत्र दिवस के कार्यक्रम में राकेश सोनी को कुर्ता-पजामा और लाल सदरी पहनाकर डीएम के साथ बैठाया गया। वे झंडा रोहण के दौरान भी उपस्थित रहे। राकेश ने बताया कि 30 दिसंबर को नौबस्ता क्षेत्र में जब वे अपने ऑटो में सवारी बैठा रहे थे, एक ट्रैफिक पुलिसकर्मी ने बिना किसी कारण के उन्हें डंडे से मारा और उनके ऑटो का पर्दा फाड़ दिया। जब उन्होंने माफी मांगने की कोशिश की, तो पुलिसकर्मी ने उन्हें धमकी दी।
ड्राइवर ने ऐसे की इच्छा मृत्यु की मांग
राकेश ने जब पुलिसकर्मी से अपनी बेइज्जती महसूस की, तो उन्होंने अधिकारियों से शिकायत की, लेकिन उनकी बातों को नजरअंदाज कर दिया गया। निराश होकर, राकेश ने जिलाधिकारी से मुलाकात की और अपनी दुखभरी कहानी सुनाई, साथ ही इच्छामृत्यु की मांग की। जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने उनकी बातों को गंभीरता से सुना और उन्हें सांत्वना देते हुए उनके सम्मान की पुनर्स्थापना का आश्वासन दिया। इसके अलावा, उन्होंने राकेश को गणतंत्र दिवस समारोह में विशेष अतिथि के रूप में आमंत्रित किया।
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राकेश पहले तो यह सोच रहे थे कि डीएम ने उन्हें केवल शांत करने के लिए ऐसा कहा, लेकिन जब उन्हें औपचारिक रूप से आमंत्रण पत्र मिला, तो उनकी आँखों में आंसू थे। उन्होंने कहा कि इतने वर्षों तक ऑटो चलाने के बाद यह सम्मान उनके लिए किसी सपने से कम नहीं था। राकेश ने जिलाधिकारी की सराहना करते हुए कहा कि उनकी कार्रवाई से यह संदेश मिला है कि जनता की समस्याएं सुनी जाती हैं और न्याय हासिल हो सकता है।